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मध्य प्रदेश में लागू हुई नई शिक्षा नीति, सिलेबस में शामिल होगा महापुरुषों का इतिहास और नागरिकता के संस्कार

मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई है. राज्यपाल मंगू भाई पटेल की अध्यक्षता में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसकी शुरुआत की. इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए.

मध्य प्रदेश में लागू हुई नई शिक्षा नीति
मध्य प्रदेश में लागू हुई नई शिक्षा नीति

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Published : Aug 26, 2021, 4:43 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 5:25 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्दी उच्च शिक्षा में रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना होगी. ये घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई शिक्षा नीति के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही. इस दौरान सीएम ने यहां मौजूद विश्वविद्यालय के कुलपतियों से फील्ड में जाकर काम करने की भी नसीहत दी और कहा कि कैदी की तरह विश्वविद्यालय में ना बैठे रहे.

महापुरुषों का इतिहास भी होगा शामिल

मुख्यमंत्री ने शिक्षा नीति में तीन बातों का ध्यान रखने पर जोर दिया. जिसमें ज्ञान, कौशल और नागरिकता संस्कार शामिल है. वहीं उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि अब नई शिक्षा नीति के तहत कोई भी छात्र अलग-अलग सब्जेक्ट की पढ़ाई एक साथ कर सकेगा. साथ ही पढ़ाई में कृषि के कोर्स को भी शामिल किया जाएगा. मोहन यादव ने बताया कि अब पुस्तकों में अहिल्याबाई, टंट्या मामा ,बिरसा मुंडा, सम्राट अशोक जैसे महापुरुषों के इतिहास को भी शामिल किया जाएगा.

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राज्यपाल ने की एमपी सरकार की तारीफ

मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत ही कॉलेजों में नए सत्र से एडमिशन किए जाएंगे. राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने नई शिक्षा नीति लागू करने पर मध्य प्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहा कि "अच्छी शुरुआत तो आधा काम पूरा कर लेती है. इस नई शिक्षा नीति ने हमारे देश को सुपर पावर बनाने का मौका दिया है. शिक्षा वो है जो मुक्ति दिलाए." राज्यपाल ने कहा कि पहले के समय हमारे देश में तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे. जिनमें पढ़ने के लिए दुनियाभर से लोग आते थे. अब लोग बाहर जा रहे हैं.

सीएम ने कुलपतियों को दी नसीहत

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मध्यप्रदेश में भी लागू हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल की अध्यक्षता में इसकी शुरुआत की. इस दौरान मंच से बोलते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बेहतर बताया, तो कहा यहां मौजूद कुलपतियों को भी नसीहत देने से शिवराज नहीं चुके. शिवराज ने कहा कि विश्वविद्यालयों में बैठकर काम करने की जगह कुलपति फील्ड में जाकर काम करें. फील्ड में अगर नहीं जा रहे हैं, तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छात्रों से संवाद करें और नई तकनीक की चर्चा करें. लेकिन कमरों के अंदर कैदी बनकर ना रहे.

छात्रों का कौशल विकास जरूरी

सीएम शिवराज ने कहा कि "हम 60 हजार करोड़ वेतन बांटते हैं. कितनों को नौकरी देंगे, इसलिए कौशल विकास जरूरी है. सीएम ने कहा उच्च शिक्षा उसी को लेना चाहिए जो उच्च शिक्षा में दक्ष होना चाहता हैं. नहीं तो 12वीं बाद कौशल की शिक्षा लें. छात्रों को रोजगार की जरूरत है, सभी कॉलेज में कौशल देने वाली शिक्षा जरूरी होगी." इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की बात कही है और हम मध्य प्रदेश में इसी तर्ज पर राज्य शोध एवं ज्ञान फाउंडेशन स्थापित करेंगे.

कृषि के कोर्स और महापुरुषों का इतिहास होगा शामिल

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने इस दौरान बताया कि उज्जैन के विक्रम यूनिवर्सिटी में कृषि से संबंधित कोर्स की शुरुआत की जा रही है. जिसके माध्यम से कृषि के क्षेत्र में भी बच्चे आगे बढ़ सके. वहीं यादव के अनुसार इतिहास में इस बार अहिल्याबाई, टंट्या मामा ,बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों को भी शामिल किया गया है. साथ ही पढ़ाई की ऐसी व्यवस्था की गई है कि एक छात्र एक सब्जेक्ट के साथ दूसरा सब्जेक्ट भी आसानी से पढ़ सकेगा.

Last Updated : Aug 26, 2021, 5:25 PM IST

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