भोपाल। प्रदेश सरकार के द्वारा एक बार फिर से कांग्रेस शासनकाल में लिए गए निर्णय की जांच करने के लिए मंत्री परिषद समिति का गठन किया गया है. इससे पूर्व भी एक मंत्री परिषद बनाई गई थी, जिसमें केवल तीन मंत्रियों को शामिल किया गया था. हालांकि कुछ समय पहले ही उस मंत्री परिषद समिति को भंग कर दिया गया था. अब एक बार फिर से नई मंत्री परिषद समिति का गठन किया गया है, जिसमें 5 कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किया गया है.
कमलनाथ सरकार के दौरान लिए गए फैसलों की होगी जांच, नई मंत्री परिषद समिति का गठन
कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में लिए गए मंत्रिपरिषद के निर्णय की जांच करने के लिए एक बार फिर 5 कैबिनेट मंत्रियों को लेकर मंत्री परिषद समिति का गठन किया गया है. जो कांग्रेस शासनकाल में लिए गए निर्णयों की समीक्षा करेगी.
कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान मंत्री परिषद के द्वारा 23 मार्च 2020 से 6 महीने पहले तक जितने भी निर्णय लिए गए हैं, उन सभी की अब एक बार फिर से समीक्षा की जा रही है. हालांकि पूर्व में गठित की गई मंत्री परिषद समिति के द्वारा कई निर्णयों की समीक्षा पहले ही की जा चुकी है. जिसकी एक विस्तृत रिपोर्ट पूर्व में सौंपी गई है. लेकिन किन्ही कारणों से पूर्व में गठित की गई मंत्री परिषद समिति को भंग करते हुए एक बार फिर से पांच मंत्रियों को शामिल करते हुए नई मंत्री परिषद समिति का गठन किया गया है. पांच मंत्रियों की गठित यह मंत्री परिषद समिति एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल के दौरान अक्टूबर 2019 से 23 मार्च 2019 तक किए गए निर्णयों की समीक्षा करेगी.
राज्य शासन के द्वारा गठित की गई मंत्री परिषद समिति में गृह, जेल, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वाणिज्यिक कर, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के मंत्री जगदीश देवड़ा, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ,राजस्व एवं परिवहन विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और खनिज साधन श्रम विभाग के मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह को सदस्य बनाया गया है.