भोपाल।राजधानी सहित पूरे देश में इस साल की आखिरी नेशनल लोक अदालत आयोजित होने जा रही है. इस लोक अदालत को लेकर भोपाल कोर्ट ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. लोक अदालत में सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि पक्षकार का समय भी बचता है और पैसे की भी बचत होती है. इसके अलावा लोक अदालत में निर्णय लिए गए प्रकरणों के खिलाफ अपील भी नहीं लगती. पूरे मामलों में ना किसी की जीत होती है और ना किसी की हार होती है. सही एवं तथ्यात्मक आधार पर मामलों का निराकरण किया जाता है.
कई प्रकार के केस सुलझेंगे :भोपाल में लोक अदालत में करीब 72 हज़ार से ज्यादा केस रखे जाएंगे, जिसमें से 49 हज़ार प्रिलिटिगेशन केस रखे जाएंगे. इसके तहत दोनों पक्षों की आपसी सहमति से मामलों का निराकरण होगा और दोनों पक्षों की सहमति से हुए समझौते के बाद पक्षकारों को पौधा दिया जाएगा. प्रधान जिला न्यायाधीश गिरिबाला सिंह ने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्ष अपनी बात रखेंगे. लोक अदालत में राजस्व, सिविल,पारिवारिक विवाद, भरण पोषण, विद्युत, पानी , एक्सीडेंट क्लेम प्रकरण, श्रम संबंधी प्रकरण, बैंक चेक अनादरण, ट्रैफिक के ई-चालान के प्रकरण को रखे जाएंगे.