भोपाल।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) को बड़ी राहत देते हुए प्रदेश पर लगे 3 हजार करोड़ रुपए के जुर्माने को माफ कर दिया है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार पर यह फाइन नदियों में सीवेज छोड़ने के मामले में लगाया गया था. जिस पर अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने छूट दे दी है. इसके साथ ही एनजीटी (NGT) द्वारा सरकार को अगले 6 महीनों तक नदी-तालाबों में मिल रहे सीवेज को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.
पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन:एनजीटी न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट के अनुसार सीवेज उत्पादन और उपचार में प्रति दिन लगभग 1500 मिलियन लीटर (एमएलडी) का अंतर था. न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि, अपशिष्ट प्रबंधन के विषय पर पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन उच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए. अब समय आ गया है कि राज्य कानून और नागरिकों के प्रति अपने कर्तव्य को समझे और अपने स्तर पर आगे की निगरानी को अपनाए.
राज्य स्तर बदलाव:पीठ ने यह भी कहा कि, पहला बदलाव राज्य स्तर पर योजना, क्षमता निर्माण और अपशिष्ट प्रबंधन की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत सिंगल-विंडो तंत्र स्थापित करना था. पीठ ने कहा कि एकल खिड़की तंत्र का नेतृत्व शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पर्यावरण और वन, कृषि, जल संसाधन, मत्स्य पालन और उद्योग विभागों के प्रतिनिधित्व के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के एक अधिकारी द्वारा किया जाना था.