भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. शुक्रवार को कैलाश विजयवर्गीय ने सरकार की माफिया मुक्त अभियान के खिलाफ प्रदर्शन किया था और भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. इस प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कमिश्नर के बंगले पर धरना भी दिया था और सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि अगर संघ के पदाधिकारी इंदौर में नहीं होते, तो इंदौर में आग लगा देते. कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने आज मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से शिकायत दर्ज कर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है.
कैलाश विजयवर्गीय की बढ़ सकती है मुश्किल, कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग - Indore Commissioner
कैलाश विजयवर्गीय के आग लगाने वाले बयान को लेकर कांग्रेस ने आज मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से शिकायत कर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है.
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मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक को दर्ज कराई गई शिकायत में कांग्रेस ने कहा है कि 3 जनवरी को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा इंदौर में शासन द्वारा नियमानुसार की जा रही है. अतिक्रमण हटाओ मुहिम का विरोध करते हुए इंदौर कमिश्नर के आवास पर धरना देकर अशांति फैलाने का प्रयास किया था, इतना ही नहीं उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि यदि संघ के पदाधिकारी इंदौर में नहीं होते, तो वह इंदौर में आग लगा देते. उनके इस वक्तव्य से स्पष्ट है कि अनुचित अवैध गतिविधियों को इंदौर ही नहीं, बल्कि समूचे प्रदेश में शासन के विरुद्ध विध्वंस कारी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. चूंकि कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं. इसलिए उनके इशारे पर पूरे प्रदेश में विध्वंस कारी घटनाएं हो सकती हैं.
कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा है कि कैलाश विजयवर्गीय राजनैतिक रूप से इंदौर में अपराधिक प्रवृत्ति के असामाजिक तत्वों और माफियाओं को संरक्षण देने के लिए पहचाने जाते हैं. माफियाओं के विरुद्ध शासन द्वारा की जा रही नियमानुसार कार्रवाई को रोकने के उद्देश्य से अनर्गल बयानबाजी कर माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं. इसके पहले विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भी नगर निगम इंदौर के अधिकारियों के साथ क्रिकेट के बल्ले से मारपीट की थी. इससे स्पष्ट है कि कैलाश विजयवर्गीय स्वयं एक राजनीतिक माफिया की तरह कार्य कर रहे हैं. इसलिए उनके खिलाफ इंदौर में आग लगाने की धमकी देने और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में प्रकरण दर्ज होना चाहिए.