भोपाल। प्रदेश में आज नर्मदा महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन दो दिन बाद जब यह महोत्सव खत्म हो जाएगा किसी को मां नर्मदा की याद नहीं आएगी. हालांकि चुनाव आ रहे हैं, तो राजनेता शायद याद कर लें. क्योंकि मां नर्मदा का सहारे नेताओं को जीत की डुबकी लगानी है. जीत के बाद किसी भी नेता को नर्मदा नदी की याद नहीं आती. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मध्य प्रदेश की सियासत में नर्मदा नदी हमेशा केंद्र में रही है. (narmada river project mp)
कागजों में सिमटकर रह जाती हैं घोषणाएं
हर पांच साल में विधानसभा चुनाव होते हैं. चुनावों के नजदीक आती ही प्रदेश की राजनीति में नर्मदा नदी केंद्र बनने लगती है. ऐसे में चाहे भाजपा हो या कांग्रेस नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए तरह-तरह की घोषणाएं करते हैं, लेकिन वह सब उन्हीं तक रह जाती है या कुछ कागजों में उतरकर सिमट जाती हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए नर्मदा नदी के नाम, उसके धार्मिक सामाजिक ऐतिहासिक महत्व का भरपूर फायदा उठाया है. (narmada river development mp)
नर्मदा नदी से वोट बैंक बनाते हैं नेता
मध्य प्रदेश की राजनीति में नर्मदा नदी ऐसे ही है जैसे उत्तर प्रदेश में गंगा. चुनावों के वक्त नर्मदा को अविरल बनाने के लिए बड़े-बड़े दावे कर घाट इलाके में रह रही एक बड़ी आबादी के वोट बैंक को लुभाने की कोशिशें की जाती है. नर्मदा नदी के नाम पर वोट लूटने की सियासत दशकों से चली आ रही है. बीते दो दशक की बात करें तो मध्यप्रदेश में जमकर सियासत हुई है. (politics on narmada river)
2023 के लिए सीएम शिवराज का कदम
नर्मदा नदी का उद्गम अमरकंटक से होता है. वहां से लेकर गुजरात में दाखिल होने तक राजनीति में नर्मदा नदी का जमकर इस्तेमाल होता है. इनमें धारा प्रवाह, स्वच्छता, अवैध उत्खनन जैसे कई मुद्दों को लेकर राजनेता जनता के बीच जाते हैं और वोट मांगते हैं. प्रदेश की शिवराज सरकार ने 2023 विधानसभा चुनाव से पहले नर्मदा नदी के बड़े धार्मिक स्थल होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम कर दिया. आज 7 फरवरी को इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है. यही नहीं मंगलवार दोपहर सेठानी घाट पर मां नर्मदा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. कार्यक्रम में सीएम शिवराज शामिल होंगे और जल मंच से मां नर्मदा का अभिषेक कर प्रदेश के उज्जवल भविष्य की प्रार्थना करेंगे. (cm shivraj announcment on narmada river)
प्राकृतिक खेती का हुआ ऐलान
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर ऐलान किया है कि नर्मदा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए उसके आसपास प्राकृतिक खेती की जाएगी. इसके लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी प्रदेश के हर एक व्यक्ति की आस्था का बिंदु है. (narmada river natural farming mp)