भोपाल/मुंबई। नरगिस दत्त भारतीय सिनेमा की बेहतरीन ऐक्ट्रेस मानी जाती हैं. उनकी ऐक्टिंग इतनी बेमिसाल थी कि महज 20 साल की उम्र में वह 8 फिल्में कर फिल्म इंडस्ट्री का चमकता सितारा बन चुकी थीं. कहा जाता है इसी दौरान इत्तेफाकन उनकी मुलाकात राज कपूर से हुई और कुछ ही समय बाद दोनों के बीच प्यार हो गया.
यह जोड़ी को दर्शकों खूब पसंद आई, लेकिन जब नरगिस को इस बात का अहसास हुआ कि वह उनसे शादी नहीं करेंगे तो वह बुरी तरह से टूट गईं, इसके बाद उनकी जिंदगी में सुनील दत्त आए. तो आइए नरगिस के बर्थडे पर जानते हैं कुछ और खास बातें....बेमिसाल स्क्रीन प्रजेंस, कमाल की अदाकारी और सबसे अलग अदाओं ने नरगिस को बॉलीवुड में खास और अलग अभिनेत्री बनाया. उनकी जगह ना कभी किसी ने ली और ना ही कभी कोई ले पाएगा. दिग्गस प्रोड्यूसर और डायरेक्टर महबूब खान का नरगिस को अपनी फिल्म तकदीर में लीड एक्ट्रेस के तौर पर चुनना नरगिस की तकदीर बदल देने वाला फैसला था. इन्होंने फिल्मों के जरिए फातिमा रशीद नाम की लड़की को बॉलीवु़ड में एक नया नाम दिया और वो था नरगिस.हालांकी, 'तकदीर' नरगिस की डेब्यू फिल्म नहीं थी क्योंकि उन्होंने महज 6 साल की उम्र में अपनी माँ जद्दन बाई की प्रोड्यूस की गई फिल्म 'तलाशे हक़' में बेबी रानी का रोल प्ले किया था और यही उनकी पहली फिल्म थी. भले ही उनकी फिल्म 'ताकदीर' ने उन्हें रातों रात स्टार ना बनाया हो, लेकिन फिल्म निर्माताओं को ये शर्मीली, उदास और बड़ी आँखों वाली शांत लड़की के टैलेंट की पहचान हो गई थी, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से सबका दिलो में खास जगह बना ली.नरगिस 1950 के दशक की एक ऐसी महीला बनीं जिन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास में अपनी एक अलग पहचान बनाई. हिंदी सिनेमा में उनके महान योगदान के लिए, नरगिस को 'भारतीय सिनेमा की पहली महिला' माना गया. 'अंदाज़' और 'जोगन' जैसी फ़िल्मों में जहाँ उन्हें आंतरिक संघर्षों को चित्रित करने की.