भोपाल।महाराष्ट्र के एक अस्पताल में कुछ दिनों पहले ऑक्सीजन प्लांट पर हादसा हुआ था, जिसमें कई लोगों की जानें चली गई थी. इस घटना के मद्देनजर अब मध्य प्रदेश की राजधानी में भी अस्पतालों की ऑक्सीजन सेफ्टी ऑडिट की जा रही है. भोपाल में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के साथ ही यहां ऑक्सीजन की काफी किल्लत देखने को मिली है. राजधानी में ऑक्सीजन टैंक सुरक्षित रहे और समय पर लोगों को ऑक्सीजन मिल सके इसके लिए प्रशासन यह काम कर रहा है.
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- कई अस्पतालों में मिली खामियां
राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन सेफ्टी ऑडिट के लिए नगर निगम भोपाल के अपर आयुक्त सी.पी गोहल की अध्यक्षता में टीम गठित की गई है. जो भोपाल के सरकारी और निजी अस्पतालों की जांच कर रहे हैं. टीम के सदस्य अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता और संसाधनों की जांच में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में सोमवार को नगर निगम भोपाल प्रभारी सहायक यंत्री पवन मेहरा ने अपनी टीम के साथ गांधी मेडिकल कॉलेज, जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल, एलबीएस अस्पताल, मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल लालघाटी में निरीक्षण किया. इस दौरान सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सेफ्टी में कई खामियां सामने आई हैं. अधिकारियों ने मौके पर ही लिखित रूप में प्रबंधन को पत्र लिखकर अस्पतालों में ऑक्सीजन सुरक्षा की स्थिति को तत्काल सुधारने के निर्देश दिए हैं.
राजधानी के अस्पतालों में नगर निगम की टीम को जो खामियां मिली है, उनमें ऑक्सीजन का बल्क स्टोरेज और, अग्निशमन यंत्रों का शामिल है. खास बात यह है कि ऑक्सीजन प्लांट के ऑपरेटर भी टेक्निकली क्वालिफाइड नहीं हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर गंभीर नहीं है और जिसके कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.