भोपाल।मध्यप्रदेश में मानव अधिकार आयोग लगातर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब कर रहा है. समय सीमा में जवाब न देने पर अधिकारियों को आयोग के सामने उपस्थित होकर जवाब देना पड़ रहा है. भोपाल सहित प्रदेश में हो रही घटनाओं पर आयोग ने खुद संज्ञान लेते हुए 8 मामलों में जवाब तलब किया है, जिसमें 3 मामले राजधानी से जुड़े हुए हैं. मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने आठ मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित विभाग से जवाब मांगा है.
भोपाल के हमीदिया में कैजुअल्टी में भर्ती मरीज गायब: भोपाल के हमीदिया अस्पताल की कैजुअल्टी में भर्ती मरीज के अचानक गायब होने का मामला सामने आया है. कमला नगर निवासी पप्पू ठाकुर करीब सात दिन पहले हमीदिया अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती हुआ था. बीते शनिवार को वो अचनाक अस्पताल से गायब हो गया. परिजनों ने उसे हर जगह ढूंढा, लेकिन वह कहीं नहीं मिला. जब परिजनों ने हमीदिया अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों से सीसीटीवी फुटेज दिखाने को कहा, तो कोई भी जिम्मेदार उनकी मदद करने को तैयार नहीं हुआ. मामले में संज्ञान लेकर एमपी मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में जवाब मांगा है.
भोपाल के बीयू के हॉस्टल में पलंग नहीं, जमीन पर सोने और पढ़ने को मजबूर स्टूडेंट: भोपाल शहर की बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) के हॉस्टल प्रशासनिक लापरवाही के कारण बदहाल हैं. हालात यह है कि हॉस्टल के एक भी कमरे में पलंग, टेबल-कुर्सी नहीं हैं. स्टूडेंट जमीन पर बिस्तर लगाकर सोने को मजबूर हैं और उसी बिस्तर पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. हॉस्टल में आरओ एवं वॉटर कूलर बंद पड़े हैं, क्योंकि वार्षिक मेंटेनेंस का ठेका ही नहीं दिया गया है. मामले में संज्ञान लेकर एमपी मानव अधिकार आयोग ने रजिस्ट्रार, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से प्रकरण की जांच कराने को कहा गया है. कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
भोपाल में शराब दुकानों के आसपास सड़कों पर वाहनों का जमघट: भोपाल शहर में शराब दुकानों के कारण आये दिन सड़क पर ट्रैफिक सिस्टम बिगड़ रहा है. सड़कों पर शाम होते ही शराब की दुकानों के आसपास वाहनों का जमघट लग जाता है. वाहन चालक सड़क पर कहीं भी अपना वाहन खड़ा कर चले जाते हैं. शराब दुकानों के सामने ट्रैफिक व्यवस्था में लगे गार्ड शराब देने में व्यस्त रहते हैं, जिस कारण ट्रैफिक जाम की समस्या खड़ी हो गई है. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल एवं उपायुक्त, आबकारी विभाग भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर शराब की दुकानों पर अव्यवस्थाओं को ठीक कराकर दुकानों के समक्ष ट्रैफिक व्यवस्थाओं में आ रही बाधा व शराब के अवैध रूप से उपयोग पर नियंत्रण कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
बैरसिया में स्वच्छता का संदेश दे रही दीवार के सामने ही लगा कचरे का अंबार: भोपाल जिले के बैरसिया थानाक्षेत्र की ग्राम पंचायत परवलिया में स्वच्छता का संदेश दे रही दीवार के सामने और पीछे कचरे का अंबार लगा हुआ है. यह आलम तब है जब यहां ग्राम पंचायत में ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है. कागजों में सफाई अभियान की रिपोर्ट एकदम चकाचक है, लेकिन ग्राउंड की हकीकत कुछ और ही है. लोग गंदगी में रहने को मजबूर हैं. यह गंदगी के अंबार कई प्रकार की गंभीर बीमारियों को जन्म दे रहा है. एमपी मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.