भोपाल।मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों में छोटी बच्चियों और बुजुर्ग महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं सामने आई है, जिसमें 3 से 4 साल की छोटी बच्चियों से लेकर 70 से 75 साल की बुजुर्ग महिलाओं के साथ ज्यादती की गई. इन सभी घटनाओं के बाद सवाल यही उठा कि आखिर क्या कारण है कि रेप करने वाले दरिंदे मासूम बच्चियों और बुजुर्ग महिलाओं को ही अपना शिकार बनाते हैं? इसको लेकर मनोचिकित्सक डॉक्टर रूमा भट्टाचार्य का कहना है कि, छोटी बच्चियां और बुजुर्ग महिलाएं रेप करने वाले के लिए सॉफ्ट टारगेट होती हैं, क्योंकि छोटी बच्ची भी असहाय होती है और बुजुर्ग महिला भी. जबकि छोटी बच्चियों को तो यह पता ही नहीं होता कि उनके साथ हो क्या रहा है और वह इस बारे में किसी को बता भी नहीं पाती, यही स्थिति बुजुर्ग महिलाओं के साथ होती है. क्योंकि वह असहाय होने के साथ कमजोर भी उम्र के पड़ाव में होती है,इसलिए जो रेप करने के आदी होते हैं उन्हें यह पता होता है कि यही उनके टारगेट है.
90% मामलों में परिचित ही रेपिस्ट:डॉक्टर रूमा बताती हैं कि, "अधिकतर रेप की घटनाओं में यह देखने में आया है कि रेप करने वाला व्यक्ति, पीड़ित बच्ची या बुजुर्गों का परिचित होता है. 90% मामलों में ऐसा देखने में आया है, क्योंकि अनजान व्यक्ति एकदम से यह कृत्य नहीं करता. जबकि परिचित उस बारे में पहले से निगरानी करा हुआ होता है और उसे जानकारी होती है, कि बच्ची या बुजुर्ग महिला किस समय एकांत और असहाय होती हैं."