भोपाल।राजधानी में वाटर विजन 2047 का आयोजन किया गया. राजधानी में हुए इस वाटर विजन 2047 के कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक खींचतान भी नजर आई. पीएम मोदी वर्चुअल जुड़े तो वहीं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल, पंजाब के जल संसाधन मंत्री ब्रह्मशंकर जिंपा समेत देश भर के विभिन्न राज्यों के जल शक्ति, जल संसाधन मंत्रियों ने शिरकत की. इस दौरान पानी के संरक्षण, संवर्धन, रीयूज को लेकर अगले 25 साल का प्लान बनाने पर चर्चा की गई. 2 दिन चले मंथन में पंजाब के जल संसाधन मंत्री ने पंजाब में प्रदूषित पानी को लेकर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया. तो वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि, आने वाले समय में पानी एक चुनौती बन कर सामने आएगा. बढ़ता हुआ आर्थिक शहरीकरण के चलते पानी की आवश्यकता बढ़ रही है. संसाधनों के सीमित होने के कारण उस समस्या का निराकरण नहीं कर पाते थे, लेकिन अब काम करने के कारण स्थिति बदली है.
हानिकारक तत्व कैंसर: दो दिन चले जल पर मंथन के दौरान अलग अलग राज्यों के मंत्रियों ने अपने सुझाव और उनके कामों को बताया. पंजाब के जल संसाधन मंत्री ब्रह्मशंकर जिंपा ने कहा कि, उनके राज्य में कैंसर के सबसे ज्यादा पेंशेंट हैं. जिसकी वजह है यहां के लोगों ने दूषित जल पिया है. जल में वे हानिकारक तत्व मिले हैं जो कैंसर कारक हैं. उन्होंने सीधे तौर पर वहां पर रही सरकारों को कटघरे में खड़ा किया. साथ ही कहा कि यहां पर पानी में इतने हानिकारक कैमिकल आ रहे हैं कि बचपन में ही बाल सफेद हो रहे हैं. लोगों में कैंसर के बाद सबसे बड़ी समस्या बालों का सफेद होना है. उन्होंने केंद्र सरकार से फंड भी मांगा और कहा कि केंद्र सरकार के बगैर लोगों तक शुद्ध पानी नहीं पहुंचाया जा सकता है. साथ ही आर ओ ट्रीटमेंट प्लांट में भ्रष्टाचार को भी उठाया. उनका कहना था कि आर ओ ट्रीटमेंट प्लांट तो लगा दिए गए, लेकिन उनमें मशीनें नहीं लगाई.
पड़ोसी देशों की नदियां राज्यों के लिए वरदान:भगवंत मान सरकार के जल संसाधन मंत्री बृह्मशंकर जिंपा के बयान पर वाटर विजन 2047 के समापन समारोह के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इसमें केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि, मुझे नहीं लगता कि पड़ोस से आने वाली नदियां हमारे लिए चुनौती हैं. ये भौगोलिक व्यवस्था है. वो हमारे लिए वरदान भी है. जिस तरह नेपाल, चीन, तिब्बत से आने वाली नदियों से जो हमें पानी मिलता है, वो हमारे लिए वरदान है. सतलुज नदी जो पंजाब से पाकिस्तान होकर वापस आती है, वो कुछ प्रदूषित है. मैं जिम्मेदारी से इस बात काे कहता हूं कि सतलुज में जो पानी का प्रदूषण है, जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को प्रभावित करता है. पंजाब से नीचे डाउन द लाइन एक हजार किलोमीटर जो मेरे घर में जो पानी आता है. वो भी सतलुज दरिया का पानी आता है. वो इम्पैक्ट होता है,लेकिन उसमें जो प्रदूषण केवल पाकिस्तान के कारण नहीं है.