भोपाल। राजधानी भोपाल में आज जिला न्यायालय में विशेष अदालत ने व्यापम मामले में दोषियों को सजा सुनाई. व्यापम के माध्यम से आयोजित हुई जेल प्रहरी भर्ती की परीक्षा में परीक्षार्थियों द्वारा अपने स्थान पर दूसरे से परीक्षा दिलाई गई थी. पूरे मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई है. सीबीआई के मुख्य न्यायाधीश ही इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं. आज सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने अपने एक निर्णय में 5 दोषियों को सजा सुना दी है. व्यापम मामले में 5 आरोपियों को 7-7 वर्ष का कठोर कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थ दण्ड से दंडित किया है. (cbi special court five accused sentenced 7 years) (mp vyapam case)
पांच आरोपियों को सात साल की सजा: भोपाल में जिला न्यायालय में व्यापम के एक मामले में सीबीआई व्यापम प्रकरण के विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसोदिया ने एसटीएफ, भोपाल के अपराध क्रमांक 17/14, जिसमे माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार सीबीआई ने अग्रिम विवेचना कर पूरक अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था. इसमे कुल 5 आरोपियों को सात सात साले के कठोर कारावास और दस हजार रूपए के अर्थ दंड से भी दंडित किया है. सीबीआई के लोक अभियोजक मनुजी उपाध्याय ने बताया कि व्यापम द्वारा वर्ष 2012 में मध्य प्रदेश जेल प्रहरी परीक्षा दिनांक 03/06/2012 को आयोजित की थी. जिसमें 04 परीक्षार्थियों प्रदीप सिंह रावत, विजय त्यागी, देवेंद्र गौड़ एवं दीवान पलिया ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठा कर लिखित परीक्षा पास करने के लिए द्लालो मध्यस्तो से मिलीभगत कर परीक्षा पास की थी.