भोपाल। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के महाकाल लोक के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. वहीं दिल्ली के कर्तव्यपथ पर निकलने वाली झांकियां में महाकाल लोक की झांकी को स्थान नहीं मिल पाया. प्रदेश सरकार द्वारा भेजा गया महाकाल लोक की झांकी मॉडल रक्षा मंत्रालय की सिलेक्शन कमेटी को लुभा नहीं पाया. यही वजह रही है कि राजपथ पर अधिकांश राज्यों की झांकी में एमपी नदारत रहा. यह लगातार तीसरा साल है, जब एमपी की झांकी कर्तव्य पथ पर अपनी जगह नहीं बना सकी.
इस तरह चयनित होती है झांकीः गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर निकलने वाली झांकियों के लिए रक्षा मंत्रालय की केंद्रीय चयन समिति को झांकी का मॉडल भेजना होता है. इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा टेंडर निकालकर लोगों से टेंडर मंगाया जाता है, जिन्हें दिल्ली की झांकी में शामिल होने का पूर्व अनुभव हो. ऐसे चयनित झांकी के मॉडल को दिल्ली भेजा जाता है. दिल्ली में केंद्रीय चयन समिति इसका चयन करती है. बताया जाता है कि इस बार प्रदेश से महाकाल लोक की झांकी का मॉडल भेजा गया था, लेकिन समिति को यह पसंद ही नहीं आया.
लगातार तीन साल से रिजेक्ट हो रहा मॉडलः यह तीसरा साल है, जब गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में निकलने वाली परेड में एमपी की झांकी दिखाई नहीं दी. साल 2022 में आदिवासियों की आत्मनिर्भरता की थीम पर प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था. जबकि साल 2021 में आत्म निर्भर मध्यप्रदेश की थीम पर भेजा गए प्रस्ताव पर भी केंद्र द्वारा कोई जवाब नहीं आया था. इसके बाद इस साल भी दिल्ली की परेड में एमपी की झांकी न दिखाई देने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि जिस महाकाल लोक का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किया गया, उसकी झांकी का चयन न होना एक तरह से मध्यप्रदेश का अपमान है.