भोपाल। साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए मध्यप्रदेश में साल 2012 में स्टेट साइबर सेल का गठन किया गया था. साल 2021 में पूरे प्रदेश में कुल 956 शिकायतें दर्ज की गई. इसमें प्रमुख रूप से फाइनेंसियल फ्रॉड के अलावा सोशल मीडिया एवं महिलाओं और बच्चों से संबंधित शिकायतें आईं. करीब 52 प्रतिशत शिकायतें फाइनेंस और 21% शिकायतें महिला और सोशल मीडिया से संबंधित रहीं. राज्य साइबर सेल अब नवीन तकनीकों के सहारे साइबर अपराध रोकने (Cyber Cell Action Plan to prevent crimes) की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
मध्यप्रदेश राज्य साइबर सेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस 2021: सुर्खियों में रहे कानून! विरोध के बावजूद अमल में आये ये कानून, कई संशोधन भी हुए
सेक्सटॉर्शन साइबर अपराध का नया तरीका
मुख्य रूप से क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड एवं सोर्स कोड चोरी के अलावा डिजिटल सिग्नेचर के दुरुपयोग से होने वाले अपराध प्रमुख हैं. फाइनेंसियल फ्रॉड में जॉब फ्रॉड, फर्जी कस्टमर केयर द्वारा फ्रॉड केवाईसी वेरीफिकेशन के नाम पर ठगी, 4G सिम से 5G सिम स्थानांतरण, फर्जी इन्वेस्टमेंट, मैट्रिमोनियल फ्रॉड जैसे नए-नए तरीके शामिल हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाना, हैक कर सेक्सटॉर्शन (Sextortion is new style of cyber crime) करना अपराध का नया तरीका है.
मध्यप्रदेश राज्य साइबर सेल सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क की शुरूआत
मध्यप्रदेश में साइबर अपराध नियंत्रण व साइबर सिक्योरिटी के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है, जिसके तहत राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय का विस्तार पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं पुलिस थानों को भी साइबर क्राइम की विवेचना के लिए तैयार किया जा रहा है. राज्य के सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क (Cyber Help Desk in all police stations of MP) की स्थापना, साइबर कंसल्टेंट की नियुक्ति, जिला साइबर फॉरेंसिक यूनिट की स्थापना, तकनीकी उपकरणों से परिपूर्ण मोबाइल साइबर फॉरेंसिक लैब का संचालन हर जिले में साइबर कंसलटिंग मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए किया जाएगा.
लालच के चलते ठगों के जाल में फंसते लोग
प्रदेश स्टेट साइबर एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं, उतनी ही तेजी से साइबर क्राइम की दुनिया में अपराध बढ़ रहे हैं. अभी ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जो थोड़े लालच में आकर अपना खाता दूसरे को उपयोग करने के लिए देते हैं, जिसके कारण लाखों-करोड़ों का लेनदेन उनके खातों से हो जाते हैं. ऐसे लोग दो से ₹3000 का लालच में अपने खातों को दूसरों को उपयोग करने के लिए दे देते हैं और काफी लोग साइबर क्राइम की चपेट में लालच की वजह से आकर अपनी पूजी गवां देते हैं.
जनता को जागरूक करने की जरूरत
देशमुख ने बताया कि जनता को अभी काफी जागरूक करने की जरूरत है. आप इंटरनेट का प्रयोग अवश्य करें, लेकिन काफी संभलकर. ऐसे किसी भी प्रलोभन में न आएं जिसमें आपको तात्कालिक फायदा दिखाकर रातों-रात आपको मालामाल बनाने का दावा किया जा रहा है. भोपाल स्टेट साइबर कोलकाता और बिहार पुलिस के साथ मिलकर साइबर अपराध में लिप्त लोगों को पकड़ने के लिए जल्द ही एक ज्वाइंट ऑपरेशन प्लान कर रहा है, ताकि जिन लोगों से साइबर ठगी हुई है, उन आरोपियों को पकड़ा जा सके.