भोपाल। जहरीली शराब से होने वाली मौत की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी संशोधन विधेयक 2021 को हरी झंडी दे दी है. विधेयक में हुए संशोधन के बाद अब राज्य सरकार अपने ब्रांड नेम के साथ हेरीटेज शराब भी बेच सकेगी. नए एक्ट के मुताबिक जहरीली शराब से मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और मौत की सजा होगी. खास बात यह है कि प्रदेश सरकार ने कोरोनाकाल में शराब की बिक्री से ही बम्पर रेवेन्यू कमाया है.
शराब माफिया सुन लें...'फंसे तो फांसी'
- मध्यप्रदेश आबकारी संशोधन विधेयक 2021 के मुताबिक- अब जहरीली शराब बेचने और उसे पीने से होने वाली मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और फांसी की सजा होगी.
- विधेयक में आबकारी अधिनियम की धारा 49 क में नए खंड जोड़े गए हैं. इसके मुताबिक यदि शराब उपयोग के लायक नहीं पाई जाती है तब भी आरोपी को छह माह से लेकर 6 साल तक की सजा होगी. इसके साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी भरना होगा.
- ऐसी मिलावटी या जहरीली शराब पीने से किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचता है तो आरोपी को 8 साल तक की सजा और 2 लाख रुपए के जुमाने का प्रावधान किया गया है. खास बात यह है कि सजा 2 साल से कम नहीं होगी.
- शराब पीने से यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो आरोपी को आजीवन कारावास और 5 लाख का जुर्माना.
- आरोपी यदि फिर इसी तरह का अपराध करता है तो आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है। ऐसे मामले में जुर्माना राशि 20 लाख रुपए से कम नहीं होगा।
सरकार बेचेगी हेरीटेज शराब
मध्यप्रदेश में देसी मदिरा और विदेशी मदिरा के साथ अब हेरिटेज श्रेणी भी जोड़ी गई है. इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा है कि इसके जरिए सरकार प्रदेश में उत्पादित स्वदेशी मदिरा के ब्रांड को भी प्रोत्साहित करेगी. हालांकि हेरिटेज शराब ब्रांड का कॉन्सेप्ट दूसरे राज्यों में भी है. अब दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश सरकार भी हेरीटेज शराब अपने ब्रांड नेम के साथ बेचेगी. इसके जहां प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा, वहीं महुआ से होने वाली आदिवासियों की आय भी बढ़ेगी.
महामारी में खूब बिकी शराब
मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान साल 2019-20 की तुलना में साल 2020-21 में शराब बिक्री से 26.14 फीसदी रेवेन्यू इकट्ठा किया है. इसके अलावा पेट्रोल- डीजल की बिक्री से भी सरकार के खजाने में 22.39 प्रतिशत ज्यादा राजस्व आया है. प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में कांग्रेस विधायक मेवाराम जाट ने इस संबंध में सवाल पूछा था जिसका जवाब देते हुए प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी.
शराब और पेट्रोल से ऐसे बढ़ा रेवेन्यू
- साल 2020-21 के दौरान शराब पर वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) के तौर पर राजस्व का संग्रह पिछले साल (2019-20) की तुलना में 26.14 फीसद बढ़ा है. यह बढ़कर 1183.58 करोड़ रुपये रहा जबकि 2019-20 में यह 938.28 करोड़ और 2018-19 में 632.27 करोड़ रुपए था.