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MP Election 2023:सिंधिया के साथ BJP में गए इस कद्दावर नेता ने फिर थामा Congress का दामन

मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के कद्दावर नेता बैजनाथ यादव ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में घरवापसी कर ली है. वह सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए थे. विधानसभा चुनाव से पहले ये बीजेपी के लिए झटका माना जा रहा है. बैजनाथ यादव का शिवपुरी जिले व आसपास के जिले में प्रभाव माना जाता है.

MP Election 2023
बैजनाथ यादव ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में घरवापसी की

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Published : Jun 14, 2023, 4:32 PM IST

बैजनाथ यादव ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में घरवापसी की

भोपाल।ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में गए शिवपुरी जिले के कद्दावर नेता बैजनाथ यादव ने फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भोपाल में पीसीसी चीफ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बीजेपी में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य तो बनाया गया, लेकिन उनकी पूछपरख नहीं हुई. उन्होंने एक दिन पहले ही बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेस जिला अध्यक्ष रह चुके हैं:सिंधिया के साथ बीजेपी में गए बैजनाथ यादव शिवपुरी के कांग्रेस जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 2020 में हुए दल-बदल में उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया था. बीजेपी में उन्हें प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनाया गया. कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि वह पिछले तीन सालों से मान-सम्मान खत्म कर बीजेपी में रहे. वहां घुटन महसूस हो रही थी और जैसे ही कांग्रेस से बुलावा गया, फिर वापस आ गया. बैजनाथ की पत्नी कमला यादव शिवपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं.

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सिंधिया से नहीं बैठ रही थी पटरी :बताया जा रहा है कि बैजनाथ यादव की ज्योतिरादित्य सिंधिया से लंबे समय से पटरी नहीं बैठ रही थी. वह कोलारस विधानसभा सीट से टिकट चाहते हैं, लेकिन सिंधिया महेन्द्र सिंह को कोलारस से आगे बढ़ा रहे हैं. बैजनाथ के कांग्रेस में शामिल होने को बीजेपी और सिंधिया के लिए झटका माना जा रहा है. माना जा रहा है कि कांग्रेस बैजनाथ को कोलारस से चुनाव मैदान में उतार सकती है. गौरतलब है कि बैजनाथ सिंह यादव ने 13 जून को प्रदेश कार्यसमिति के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. अपने इस्तीफे में उन्होंने कई आरोप लगाए थे. इसके पहले पार्टी के विरोध में बयानबाजी को लेकर उन्हें नोटिस दिया गया था.

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