भोपाल।मध्यप्रदेश में बीजेपी के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट हैं, जहां पिछले 25 सालों से कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस विधायक आरिफ अकील इस सीट से 6 चुनाव जीत चुके हैं, कांग्रेस के कांग्रेस के टिकट पर उन्हें इस सीट से कभी कोई नहीं हरा सका. इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी ने अपने कई चेहरों को आजमाया, मुस्लिम वर्ग के चेहरे को भी मैदान में उतारा, लेकिन हर बार बीजेपी को निराशा ही हाथ लगी है. बीजेपी ने इस बार फिर भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मैदान में उतारा है, इधर कांग्रेस ने आरिफ अकील के बेटे को टिकट दिया है. इधर, आरिफ अकील के भाई ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि इस सीट से कांग्रेस को झटका लग सकता है. आइए जानते हैं, इस सीट पर क्या चुनावी समीकरण रहे हैं.
1977 में हुआ था इस सीट पर पहला चुनाव:भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1977 में हुआ था, यह सीट मुस्लिम बहुल है. इस सीट पर शुरूआत से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है, 1977 में पहला चुनाव जनता पार्टी के हामिद कुरैशी जीते थे. इसके बाद कांग्रेस ने यह सीट छीन दी और 1980 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस के रसूद अहमद सिद्दीकी कांग्रेस से जीतकर आए. बीजेपी इस सीट पर सिर्फ एक बार ही चुनाव जीत सकी है, 1993 में बीजेपी के रमेश शर्मा ने कांग्रेस उम्मीदवार आरिफ अकील का चुनाव में शिकस्त दी थी. आरिफ अकील इसके पहले 1990 में इसी सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए थे, बाद में यह सीट कांग्रेस विधायक आरिफ अकील की पहचान बन गई. इसके बाद इस सीट पर 5 चुनाव हो चुके हैं, लेकिन 2003 और 2008 की बीजेपी की लहर में भी इस सीट पर बीजेपी दोबारा कब्जा नहीं कर सकी.