भोपाल।मध्य प्रदेश के लिए प्रशासनिक तौर पर नवंबर का माह खास महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस माह मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उनके स्थान पर नए मुख्य सचिव की तलाश है. इस पद पर कई की नजर है और अफसरों की तिकड़म बाजी के बीच सरकार ऐसे अफसर को इस पद पर बिठाना चाहती है जो वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से उसके लिए अहम हो. इस मामले में एक नया नाम तेजी से उभर रहा है और वह है अपर मुख्य सचिव एस एन मिश्रा का. राज्य के वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस का कार्यकाल इसी माह खत्म हो रहा है. 1985 बैच के आईएएस बैस की सेवा विस्तार की संभावना कम है क्योंकि वह खुद भी एक्सटेंशन पाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. इस स्थिति में सरकार के लिए ऐसे मुख्य सचिव की तलाश है जिसका कार्यकाल अगले विधानसभा यानी वर्ष 2023 के दिसंबर के आगे तक का हो. सरकार के सामने चुनाव आ रहे हैं, लिहाजा सरकार सामने आ रहे नामों में से ऐसे व्यक्ति की समीक्षा कर रही है जो सरकार के लिए किसी भी तरह की बाधा पैदा न करे.
इन संभावित नामों को लेकर चर्चा है:राज्य में मुख्य सचिव के संभावित नामों को लेकर चर्चा है कि दिल्ली में तैनात अनुराग जैन और राज्य में तैनात मोहम्मद सुलेमान के नामों पर भी सरकार मंथन कर रही है. वहीं वरिष्ठता के आधार पर वर्ष 1987 बैच के संजय कुमार सिंह और अजय तिर्की के अलावा 1988 बैच के संजय बंदोपाध्याय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं मगर इनमें से किसी के भी वापस आने की संभावना नगण्य है.
एस एन मिश्रा दौड़ में आगे नज़र आ रहे हैं:इस स्थिति में सरकार की नजर जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव एस एन मिश्रा पर भी है. मिश्रा का नाम वैसे तो वरिष्ठता सूची में 14वें नंबर पर है मगर उनकी पहचान सरकार के अनुरूप काम करने वाले अफसरों में है. इतना ही नहीं वे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी मंत्री तुलसी सिलावट के विभाग में भी तैनात हैं. इस स्थिति में मिश्रा अपने विभागीय मंत्री सिलावट के जरिए सिंधिया तक पहुंच बना रहे हैं और उनका समर्थन हासिल कर मुख्य सचिव की कुर्सी पर काबिज होना चाहते हैं. प्रशासनिक गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो मिश्रा एक तरफ जहां मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरूप काम करने वाले अधिकारी हैं तो दूसरी ओर वे सिंधिया गुट के करीबी हैं. इस स्थिति में वे अपना दावा मजबूती से रखने की कोशिश में हैं.