भोपाल।मध्यप्रदेश में नाम बदलने की सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले दिनों प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरूनानक टेकर रखने की मांग की थी. वहीं रामेश्वर शर्मा के बाद पूर्व सीएम उमा भारती ने हलाली डैम का नाम बदलने की मांग की है. इसी तरह उमा भारती के बयान का समर्थन करते हुए भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा भी नाम बदलने की सियासत में शामिल हो गई हैं.
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि भोपाल के इस्लामनगर, लालघाटी, हलाली डैम और हलालपुरा बस स्टैंड यह सभी नाम मुस्लिम शासकों के वक्त रखे गए थे. उन्होंने कहा कि कालांतर में मुस्लिम शासकों ने लालघाटी को रक्त से लाल किया था, इसी तरह इस्लामनगर पूर्व में ईश्वर नगर हुआ करता था. उन्होंने कहा कि इन सभी स्थानों के नाम बदल कर क्रांतिकारी वीरों के नाम पर रखे जाएंगे.
हलालपुरा डैम को लेकर हाल ही में उमा भारती ने भी पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की है. गौरतलब है कि राज्य शासन भोपाल के हलाली डैम को कोर्ट टूरिस्ट स्पॉट के रूप में डेवलप कर रही है. इसको लेकर पिछले दिनों बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को पत्र लिखकर इस स्थान का नाम बदलने का अनुरोध किया है.
साध्वी बोली किसान आंदोलन में कुछ देशद्रोही हुए शामिल
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि इसमें कई वामपंथी और देश विरोधी लोग शामिल हो गए हैं. ऐसी विकृत मानसिकता के लोग देश को हानि पहुंचाना चाहते हैं. देश में किसानों को अपनी मांग उठाने का पूरा हक है लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार से बात करनी चाहिए.
उमा भारती ने विधायक विष्णु खत्री को लिखा पत्र
उमा भारती ने विधायक विष्णु खत्री को लिखे पत्र में कहा कि आपके विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में एक चर्चित स्थल हलाली डैम का नाम बार-बार आता है जबकि मेरी जानकारी के अनुसार उसका नाम बदल चुका है. भोपाल शहर के बाहर प्रचलित हलाली नाम का स्थान एवं नदी विश्वासघात की उस कहानी की याद दिलाती है, जिसमें दोस्त मोहम्मद खां ने भोपाल के आसपास के अपने मित्र राजाओं को बुलाकर उन्हें धोखा देकर उनका सामूहिक कत्ल किया और उनके कत्ल से नदी लाल हो गई थी, हलाली स्थान उसी प्रसंग का स्मरण कराता है. विश्वासघात, धोखाधड़ी, अमानवीयता यह सब एक साथ हलाली शब्द के साथ आते हैं. तो हलाली का इतिहास जानने वालों के अंदर घृणा का संचार होता है.