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सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने 'भोपाल एक्सप्रेस' के उत्कृष्ट रैक को दिखाई हरी झंडी, साध्वी ने मीडिया से बनाई दूरी

भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हबीबगंज स्टेशन पर नए उत्कृष्ट रैक को हरी झंडी दिखाकर हजरत निजामुद्दीन के लिए ट्रेन को रवाना किया.

भोपाल एक्सप्रेस

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Published : Oct 16, 2019, 9:25 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 9:48 AM IST

भोपाल। करीब 3 महीने की मशक्कत के बाद आखिरकार भोपाल एक्सप्रेस अब उत्कृष्ट ट्रेन के रूप में जानी जाएगी. इसके साथ ही इस ट्रेन में यात्रियों को अब और ज्यादा सुविधाएं मिल सकेंगी. रेलवे विभाग ने अब भोपाल एक्सप्रेस को उत्कृष्ट ट्रेन के रूप में डेवलप किया है. इसमें नए रैक जोड़े गए हैं. साथ ही ट्रेन का बाहरी रंग अब बदल दिया गया है, जो काफी आकर्षक नजर आ रहा है.

देर रात भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हबीबगंज स्टेशन पर नए उत्कृष्ट रैक को हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के लिए रवाना किया. दूसरा रैक बुधवार को हबीबगंज से नई दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा.

भोपाल एक्सप्रेस कोच में सुंदरता बढ़ाने के लिए दरवाजे के पास ट्रेन की दीवार पर विनायल कोडिंग (रंगीन परत) लगाई गई है. बाथरूम वास के सामने मैट बिछाई गई है. इसके साथ ही अन्य सुविधाएं भी 15 दिन के अंदर बढ़ाई जाएंगी. इस ट्रेन में कई सुविधाएं यात्रियों के लिए नई हैं, जो लोगों को बेहद पसंद आ रही हैं. हालांकि भोपाल एक्सप्रेस के ये रैक पुराने ही हैं लेकिन इन्हें नए स्वरूप में निर्मित किया गया है.

अब बुधवार को देर रात हबीबगंज से दूसरा रैक नई दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा. इस तरह बुधवार से दोनों तरफ की भोपाल एक्सप्रेस उत्कृष्ट रैक से चलने लगेंगी. इस उत्कृष्ट ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए आई भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मीडिया से काफी दूर रहीं. उन्होंने मीडिया से किसी प्रकार की कोई बातचीत भी नहीं की. साध्वी का कहना था कि उनका गला खराब है इसलिए वे मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगी.

'भोपाल एक्सप्रेस' के उत्कृष्ट रैक को दिखाई गई हरी झंडी

डीआरएम उदय बोरवणकर का कहना है कि उत्कृष्ट रैक के साथ ही ट्रेन में कई सुविधाएं बढ़ाई गई हैं. करीब 3 महीने की मशक्कत के बाद इस भोपाल एक्सप्रेस को उत्कृष्ट के रूप में बदला गया है, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि इस ट्रेन के शेड्यूल में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया गया. बल्कि जब भी खाली समय इस ट्रेन के दरमियान मिला है उसी दौरान इस रैक को उत्कृष्ट बनाने का काम किया गया है. आमतौर पर इस तरह के रैक तैयार करने में 6 महीने का समय लगता है, लेकिन टीम के अथक प्रयासों की वजह से ये 3 महीने में ही पूरा हो सका है. निश्चित रूप से यह एक नई कवायद है और यह लोगों को पसंद भी आ रही है.

Last Updated : Oct 16, 2019, 9:48 AM IST

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