भोपाल।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक (Energy Department Review Meeting) के दौरान निर्देश दिए कि किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए. लेकिन ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि कोयले की कमी के चलते बिजली नहीं मिल रही है. रबी सीजन में भी किसानों को बिजली देने में दिक्कतें आएगीं. इस पर सीएम ने कहा कि इसके लिए बिजली के 1-2 मेगावाट प्लांट लगाने की नीति बनाएं. लेकेिन अभी किल्लत किस तरह से दूर होगी. इसे लेकर मुख्यमंत्री और विभाग के पास कोई जवाब नहीं है.
बिजली संकट के चलते विभाग कई शहरों में बिजली की अघोषित कटौती कर रहा है. वहीं इस संकट को लेकर बीजेपी के सांसद वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदेश में किसी प्रकार का कोई बिजली संकट नहीं है.
कई पावर प्लांंट में कोयले का स्टाक नहीं
श भर में 135 पावर हाउस है, जहां कोयले से बनाई बिजली जाती है. इनमें से 110 पावर हाउस की स्थिति कोयले को लेकर गड़बड़ हो गई है. मध्य प्रदेश की बात करें तो वर्तमान स्थिति में 223 लाख मीट्रिक टन कोयला मध्य प्रदेश के पास है. जिससे बिजली बनाई जा सकेगी. यह कोयला मात्र 3 दिन में खत्म हो जाएगा.
कोयले के संकट के कारण सतना जिले के बिरसिंहपुर की चार यूनिट बंद कर दी गई हैं. हालांकि यहां पर 78 हजार मीट्रिक टन कोयला स्टाक है. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि 8 लाख मीट्रिक टन कोयला का टेंडर निकाला गया है.