नए विधायक का जुनून: कड़कड़ाती ठंड में 350 किमी दूर मोटरसाइकिल से विधायक का सर्टिफिकेट लेने पहुंचे - विधायक कमलेश्वर डोडियार बाइक से पहुंचे भोपाल
MP MLA Kamleshwar Dodiyar Story: रतलाम की सैलाना सीट से नए विधायक कमलेश्वर डोडियार का ऐसा जुनून कि वे 350 किलोमीटर दूर मोटरसाइकिल से कड़कड़ाती ठंड में विधायक का सर्टिफिकेट लेने भोपाल पहुंचे. फिलहाल हर ओर कमलेश्वर डोडियार की चर्चा हो रही है.
भोपाल।चुनाव जीतने के लिए धनबल जरूरी है, लेकिन एमपी के चुनाव में एक ऐसे विधायक हैं जिन्होंने अपनी झोली फैला कर यानी चंदा मांग कर चुनाव लड़ा और जीत गए. भारत आदिवासी पार्टी से चुनाव लड़े कमलेश्वर डोडियार ने सैलाना से जीत हासिल की है. फिलहाल अब चुनाव जीतने के बाद विधानसभा में अपना फॉर्म दाखिल करने के लिए कमलेश्वर कड़कड़ाती ठंड में सुबह 6:00 बजे भोपाल के लिए निकल पड़े. भोपाल और सैलानी की दूरी 350 किलोमीटर है, इन्होंने अपनी मोटरसाइकिल से ही भोपाल तक की दूरी तय की.
मिलिए भारत आदिवासी पार्टी के एक मात्र विधायक से:मध्यप्रदेश के सबसे गरीब विधायक कमलेश्वर डोडियार हैं, जब उन्हें कार नहीं मिली तो वे सहयोगी के साथ बाइक पर भोपाल पहुंचे. कमलेश्वर वे विधायक हैं जो बीजेपी कांग्रेस के दिग्गजों को हराकर सैलाना से चुने गए हैं, इनके माता पिता मजदूर हैं और खुद ने दिल्ली में जूठे बर्तन साफ किए हैं. कमलेश्वर ने कठिन संघर्ष से मंजिल पाई, फिलहाल विधायक कमलेश्वर डोड़ियार कच्चे घर में रहते हैं.
जनता के आशीर्वाद से गरीब बना विधायक:कमलेश्वर डोड़ियार से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने बात की तो पता चला कि उनके पास तो चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं था, लेकिन उन्होंने जनता से भीख मांगी और जनता ने जो पैसा दिया उसी से वे जीतें है. कमलेश्वर पहले भी ये विधानसभा और लोकसभा लड़ चुके हैं, लेकिन कई बार चुनाव लड़ने के बाद आखिरकार जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया.
कमलेश्वर की जीत में आदिवासी युवाओं का अहम योगदान:आदिवासी बहुल सैलाना विधानसभा सीट पर जयस से जुड़े कमलेश्वर डोडियार ने भारत आदिवासी पार्टी के बैनर तले चुनाव जीतकर सभी को चौंका दिया, यहां कांग्रेस दूसरे और भाजपा तीसरे पायदान पर रही. दूसरी बार चुनाव लड़ रहे कमलेश्वर डोडियार को 2018 में 18,726 मत मिले थे, अब 2023 में रतलाम से कमलेश्वर डोडियार ने भारत आदिवासी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़कर सफलता के झंडे गाड़े, उनकी जीत में आदिवासी युवाओं का अहम योगदान रहा. कमलेश्वर का कहना है कि "आदिवासी कल्याण के लिए मैं सभी पार्टियों से दोस्ती कर लूंगा और आदिवासियों के हित के लिए कुछ भी करूंगा."