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बाबूलाल की 'घर वापसी' पर अंदर-बाहर घमासान!

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Published : Feb 27, 2021, 10:09 PM IST

Updated : Feb 27, 2021, 10:46 PM IST

हिंदू महासभा के पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस का हाथ थामने के बाद से ही प्रदेश में सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस पार्टी के कई नेता बाबूलाल के कांग्रेस ज्वाइन करने पर सवाल खड़े कर रहे हैं, तो वहीं बीजेपी भी इस मामले में बोलने से पीछे नहीं हट रही है.

Babulal Chaurasia joins Congress
बाबूलाल चौरसिया कांग्रेस में शामिल

भोपाल। गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का समर्थन करने वाले हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रदेश में विचारधारा पर नई बहस छिड़ गई है. गुरूवार को हिंदू महासभा के पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया ने कांग्रेस का हाथ थामा. पूर्व सीएम कमलनाथ की मौजूदगी में बाबूलाल ने घर वापसी की ही थी, कि दूसरी तरफ खुद की ही पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस पर सवाल खड़े दिए. जब कांग्रेस में आपसी घमासान मचा हो तो ऐसे में बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने से पीछे कहां हटने वाली. लिहाजा राजनेताओं के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया.

पार्टी में हो रही थी घुटन महसूस

बाबूलाल चौरसिया से जब कांग्रेस ज्वाइन करने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह हिंदू महासभा में कई दिनों से घुटन महसूस कर रहे थे. पार्टी के ही नेता उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे थे. इसी के चलते उन्होंने अपने पुराने घर में लौटने का फैसला किया है.

बापू हम शर्मिंदा हैं

बाबूलाल के गोडसे छोड़ गांधीवादी विचारधारा अपनाने पर अगर सबसे पहले किसी नेता ने विरोध जताया तो वह पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव हैं. यहां पूर्व पार्षद ने कांग्रेस ज्वाइन की, वहां अरुण यादव ने ट्वीट कर लिखा 'बापू हम शर्मिंदा हैं'. इसके साथ ही अरूण यादव ने कमलनाथ के साथ बाबूलाल चौरसिया की फोटो भी पोस्ट की थी.

अरुण यादव का ट्वीट

कांग्रेस पार्टी गांधी विचारधारा वाली पार्टी

अरुण यादव यहीं नहीं रुके एक बार फिर उन्होंने अपना वीडियो जारी कर कहा कि गांधी की विचारधारा कांग्रेस पार्टी का मूल मंत्र है. इसी विचारधारा के चलते लड़ाई लड़ी गई और देश को आजाद कराया गया. यह विचारधारा देश का भी मूल मंत्र है और आगे भी देश इसी विचारधारा से आगे बढ़ेगा. कांग्रेस पार्टी गांधी विचारधारा वाली पार्टी है.

अरुण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री

'गांधी' के साथ 'गोडसे समर्थक'! घर वापसी पर छिड़ा 'संग्राम'

गोडसे समर्थकों को सबक

वहीं पार्टी का बचाव करते हुए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ट्वीट कर लिखा बापू तुम्हारे चरणों में नमन!! सालों बाद ही सही, 'गोडसे' की विचारधारा अपनाने वालों को समझ में आ रहा है कि सिर्फ “गांधीवादी” तरीके से ही देश का उद्धार संभव है. यह तय है कि अब देश में गोडसे की नहीं गांधीवादी विचारधारा की ही चलेगी. जय हिंद..

सज्जन सिंह वर्मा का ट्वीट

गोडसे समर्थकों की सही जगह जेल

गोडसे समर्थक के गांधीवादी पार्टी में आने पर ये राजनीति यहां थमने वाली नहीं थी, अरुण यादव का समर्थन करते हुए चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी ट्वीट कर डाला. लक्ष्मण सिंह ने तो गोडसे समर्थकों को उनकी जगह ही दिखा दी. कांग्रेस विधायक ने लिखा की गोडसे के उपासकों के लिए सेंट्रल जेल सही जगह है, कांग्रेस पार्टी नहीं. गृह मंत्रालय भी गोडसे समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखे तो उचित होगा.

लक्ष्मण सिंह का ट्वीट

गोडसे समर्थकों की जेल सही जगह, कांग्रेस नहीं : लक्ष्मण सिंह

गांधीजी का सरनेम चुराकर उनके विचारों को दी तिलांजलि

जब कांग्रेस के अंदर ही आपसी घमासान मचा हो तो ऐसे मुद्दे को उठाने से भला बीजेपी पीछे कहां रहने वाली है. ग्वालियर पहुंचे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने तो कांग्रेस पर गांधी सरनेम को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए. मंत्री सारंग ने कहा कि कांग्रेस गांधीजी का सरनेम चुराकर उनके विचारों की तिलांजलि देने का काम कर रही है. गांधी के सरनेम को चुरा कर नेहरू परिवार ने देश पर 70 साल तक राज किया. मंत्री ने कहा कि टोपी पहन लेने और गांधी सरनेम लगा लेने से गांधीगिरी नहीं होगी.

विश्वास सारंग का तंज

सरनेम चुरा, टोपी पहन 'गांधी' के विचारों को तिलांजलि दे रही कांग्रेस: विश्वास सारंग

गांधी से इतना प्रेम तो कांग्रेस में आ जाएं

मंत्री सारंग के गांधी सरनेम पर उठाए सवाल पर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने उनके ही अंदाज में जवाब दिया. दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर विश्वास सारंग को गांधी से इतना ही प्रेम है तो वे बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में क्यों नहीं आ जाते?

दिग्विजय सिंह, सांसद

हर कोई बदलते हैं अपना दल

इस बीच लगातार उठ रहे सवालों पर बाबूलाल चौरसिया ने जवाब दिया. उन्होंने खुद को कट्टर कांग्रेसी बताया. उन्होंने कहा कि वे जनता पार्टी के समय जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जेल भेजा गया था, उस समय भी उनके समर्थन में एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में जेल जा चुके हैं. बाबूलाल चौरसिया ने कहा कि हर कोई अपना दल बदलता है, इसमें कोई नई बात क्या है.

बाबूलाल चौरसिया का बयान

गांधी से इतना प्रेम है तो कांग्रेस में क्यों नहीं आ जाते विश्वास सारंग : दिग्विजय सिंह

टिकट नहीं मिलने पर हिंदू महासभा में हुए थे शामिल

बता दें वार्ड 44 से बाबूलाल चौरसिया पहले कांग्रेस के टिकट पर पार्षद रह चुके हैं. साल 2015 में उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला था, इसलिए उन्होंने हिंदू महासभा ज्वाइन कर ली थी. हिंदू महासभा ने उन्हें वार्ड 44 से पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की थी. बाबूलाल ने दबंग छवि वाले शम्मी शर्मा को 1100 वोटों से हराया था. बाबूलाल चौरसिया हिंदू महासभा के एक मात्र पूर्व पार्षद हैं.

Last Updated : Feb 27, 2021, 10:46 PM IST

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