भोपाल। 2020 से 2023 तक ऐसे कितने मौके आए, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल गांधी पर हमलावर हो सकते थे. लेकिन नहीं हुए. कभी राहुल गांधी के करीबी दोस्तो में गिने जाने वाले सिंधिया अपने दोस्त के लिए मीडिया के हर सवाल पर नो कमेंटंस वाला रवैया ही रखते थे. ऐसे किनारा करना ही इन खबरों को जमीन देता रहा कि वह धागे को एक झटके में तोड़ना नहीं चाहते. लेकिन 2023 की शुरुआत में सिंधिया ने महीने भर के भीतर राहुल गांधी पर दूसरी बार हमला बोला है.
राहुल पर हमला बोलने के लिए सिंधिया ही क्यों :सवाल ये है कि क्या बीजेपी ने रणनीति के तहत राहुल गांधी पर हमला बोलने सिंधिया की तैनाती की है . क्या वापसी की हर तरह की गुंजाइश को छोड़कर आगे बढ़ रहे हैं सिंधिया. 20 दिन पहले राहुल गांधी देश से मांफी मागें, ये तेवर दिखा रहे सिंधिया अब कह रहे हैं कि राहुल गांधी और काग्रेस पार्टी ने निजी लड़ाई को लोकतंत्र की लड़ाई में तब्दील कर दिया है. बीजेपी में किस मुद्दे पर कब बोला जाना है, इसके साथ ये भी तय होता है कि किस मुद्दे पर कौन नेता आगे होकर हमला करेगा तो राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में मुखर होते सिंधिया केवल इत्तेफाक की बात भर नहीं है.
बीजेपी की रणनीति :बीजेपी में जाने के बाद लंबी चुप्पी थामे सिंधिया की खामोशी अगर राहुल पर टूटी है तो इसे बीजेपी का बड़ा रणनीतिक दांव ही कहा जाएगा. वरना क्या वजह है कि बीजेपी में राहुल के मुकाबले के लिए नेताओं की फौज होने के बावजूद खामोश चल रहे सिंधिया को मौका दिया है कि वो राहुल गांधी पर हमला बोलें. सिंधिया ने पहला सीधा हमला मार्च महीने में राहुल गांधी पर बोला था और कहा था कि विदेश में दिए गए बयान को लेकर राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी का बयान भारत माता के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है.