भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते तीन मार्च से चल रहे सियासी दंगल पर शुक्रवार को विराम लग गया है. करीब 17 दिनों तक चले इस सियासी ड्रामें ने मध्यप्रदेश में भूचाल ला दिया था. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता इस सियासी घमासान के बीच एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते रहे. प्रदेश में चल रहे इस सियासी दंगल की हर हलचल को ईटीवी भारत ने 'मध्यप्रदेश के सुपहिट दंगल' के माध्यम से आप तक पहुंचाया. इसी कड़ी में 'दंगल का The End' में देखिए शुक्रवार को क्या कुछ खास रहा.
शुक्रवार सुबह से ही मध्यप्रदेश में सियासी हलचल शुरू हो गई थी. कमलनाथ सरकार के फ्लोर टेस्ट के चलते सियासी सरगर्मियां तेज हो गईं थीं. फ्लोर टेस्ट के चलते 2 बजे से विधानसभा का सत्र शुरू होना था. वहीं खबरें आ रही थीं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस की खबर आते ही मुख्यमंत्री के इस्तीफे के कयास लगाए जाने लगे. बता दें कि, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को शाम के 5:00 बजे तक विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया है. जिसके चलते देर रात विधानसभा की कार्य सूची जारी की गई थी.
इसी बीच सीहोर के होटल में ठहरे विधायकों के भोपाल लौटने की खबर आते ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. विधायक साढ़े 11 बजे होटल से भोपाल के लिए रवाना होने वाले थे. इसी बीच करीब 9.45 पर कांग्रेस और बीजेपी ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया. साथ ही 11 बजे कांग्रेस ने सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक भी बुलाई.
वहीं 10 बजकर 50 मिनट पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि, कागजों पर भले ही सरकार अल्पमत में नजर आ रही हो, लेकिन विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेंगे. साथ ही कहा कि, सीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई सनसनीखेज खुलासे करेंगे.
वहीं तरुण भनोत ने कहा कि, हमारी सरकार सेफ है, कुछ लोग तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जनता ने हमें पास करके सरकार बनवाई थी, जिसकी आज हत्या हो रही है.
करीब 12 बजे विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने मीडिया को बताया कि, मैने बीजेपी विधायक शरद कोल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, मैं एकदम निष्पक्ष हूं. वहीं कांग्रेस के16 विधायकों के भी इस्तीफे स्वीकार हो चुके हैं.
कांग्रेस द्वारा सीएम हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह सहित समेत कई नेता मौजूद रहे. कमलनाथ ने कहा कि, 'मैंने जनता से पांच साल का वादा किया था. बीजेपी को 15 साल और मुझे 15 महीने दिए'. सीएम कमलनाथ ने कहा कि, 'मेरा क्या कसूर था, मेरी क्या गलती थी. 45 साल की राजनीति में सिर्फ विकास पर ध्यान दिया. 15 महीनों में हमने प्रदेश के आगे बढ़ाने की कोशिश की. समय गवाह है कि हमने अच्छा काम किया'. वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'बीजेपी ने की लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की है. हमने प्रदेश को भयमुक्त और सुरक्षित बनाने का प्रयास किया. हमने 1000 गौशालाएं बनाने का निर्णय लिया, वो बीजेपी को रास नहीं आया'. इसी दौरान कमलनाथ ने इस्तीफा देने का ऐलान किया.
इधर करीब 1 बजे निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने भी इस्तीफा देते हुए नई सरकार का समर्थन देने का एलान किया.