भोपाल। क्या इसे इत्तेफाक कहेंगे कि उपचुनाव की बयार खत्म हो जाने के बाद अचानक से एमपी की सियासत में दलबदल के कयास दौड़ने लगे. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं लेकिन टिकट के बंटवारे में संगठन को ही प्राथमिकता दी जाएगी. जवाब बीजेपी से भी आए. मंत्री भूपेन्द्र सिंह का कमोबेश बयान यही कि कांग्रेस के कई लोग बीजेपी से संपर्क कर रहे हैं. फिर एक के बाद एक मंत्री विश्वास सारंग से लेकर वीडी शर्मा और कमलनाथ के बाद नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की भी इन बयानो को बढ़ाते हुए एंट्री हुई. सवाल ये है कि क्या 20 नवम्बर को भारत जोड़ो यात्रा की बुरहानपुर में एंट्री से पहले कुछ कांग्रेसियों का दलबदल वाकई हो जाएगा. या इस बार कांग्रेस की ओर से नया दांव खेला जाएगा.
एमपी में क्या फिर शुरु होने वाली है हॉर्स ट्रेडिंग :वैसे मौका भी है मौसम भी. राजनीति में दलबदल का सबसे मुफीद वक्त चुनावी साल ही कहा जाता है. जब सब्ज़बाग दिखाकर वादे इरादे के साथ विधायक भरमाए जाते हैं. जानकारी के मुताबिक बीजेपी की प्लानिंग तो पहले से थी कि राहुल गांधी की यात्रा के एमपी पहुंचने के दौरान कांग्रेस से टूटफूट का माहौल बनाया जाए. तो कहा जा रहा है कि तय पटकथा के मुताबिक माहौल बनाने की शुरुआत यात्रा के 6 दिन पहले से शुरू हो गई. कहा ये जा रहा है कि मालवा निमाड़ और बुंदेलखंड से ये टूट हो सकती है. हालांकि सिंधिया गुट के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद बीजेपी में भी टूट की पुरजोर संभावनाएं हैं. वजह ये है कि 2018 के विधानसभा चुनाव से सबक लेकर 2023 में पार्टी परफार्मेंस के क्राइटरिया पर टिकट देगी. और कइयों का पत्ता चुनाव से पहले साफ हो जाने की उम्मीद है.
भारत यात्रा जोड़ों के मद्देनजर सियासत :सिधिया कैम्प के नॉनपरफार्मेंमिंग मंत्रियों की सिंधिया में आस्था कमज़ोर पड़ी तो मुमकिन है कि वे भी भूल सुधार के तहत कांग्रेस का रुख कर जाएं. कहा ये भी जा रहा है कि ये बीजेपी की तरफ से भारत जोड़ो यात्रा के असर आने से पहले उसे बेअसर कर देने का दांव बीजेपी का है. माहौल खींचा जा रहा है. ये बताने कि भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी पहले अपनी पार्टी को तो जोड़ लें. कमलनाथ दूध के जले हैं लिहाजा छाछ तो फूंक ही रहे हैं. बेशक. लेकिन राजनीति में बॉडी लैग्वेंज से कोई गलत मैसेज ना चला जाए. लिहाजा बीजेपी को ये दम भी दिखा रहे हैं कि गंगा उल्टी बह सकती है. इस बार. कमलनाथ के बयान को इसी का एक्सटेंशन भी माना जा रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि बीजेपी के कई विधायक हमारे संपर्क में है. हालांकि कमलनाथ जैसे गंभीर नेता कह रहे हैं. लिहाजा ये भी नहीं कहा जा सकता कि बात सिरे से हवाहवाई है.
एमपी में दलबदल पर बयान वार :