भोपाल।बीजेपी को 2023 के चुनावों की चिंता सताने लगी है, खासतौर से पार्टी के सर्वे में 100 सीटें ऐसी हैं, जहां पर बीजेपी कमजोर है. इन सीटों के गणित को देखते हुए बीजेपी ने अपना वोट शेयर बढ़ाने की कवायद शुरु कर दी है. संगठन स्तर पर बीजेपी बूथ और यूथ पर फोकस कर रही है, तो वहीं सरकार भी इस काम में जुट गई है. सीएम शिवराज सिंह ने मंत्री समूह बना दिए. प्रशासनिक फेरबदल भी शुरु कर दिया. हर हाल में शिवराज का फोकस वो गरीब वोट बैंक है. जो सरकार का पक्का वोट बैंक है, लिहाजा किसी भी भी स्कीम से हितग्राही चूक न जाए इसके लिए मंत्रियों को ग्राऊंड जीरो में जाकर मानिटिरिंग करनी है. mp political news, MP assembly elections 2023
वोट शेयर 10 फीसदी बढ़ा तो जीत पक्की - वीडी शर्मा:बीजेपी अपने वोट शेयर को 10 प्रतिशत बढ़ाने चाहती है. पिछले चुनावों में उसका वोट प्रतिशत 41 था, जो अब उसे 51 प्रतिशत करना है. इसके लिए उसे उन 100 सीटों पर काम करना है, जो उसकी कमजोरी है. खासतौर से ग्वालियर चंबल में उसे खासा नुकसान उठाना पड़ा था, तो वहीं महाकौशल में तमाम ताकत के बाद भी उसे उतनी सीटें नहीं मिली. पिछली बार 22 विधानसभा सीटें ऐसी थीं. जहां पर नोटा को ज्यादा वोट मिले थे. उसके चलते बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इन सीटों पर भाजपा की नजर है और उस खाई की भरपाई करने में सत्ता और संगठन जुट गए हैं.
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पार्टी का फोकस इन जगह ज्यादा:हाल के हुए नगरीय निकायों चुनावों में बीजेपी को जहां जहां हार मिली है या फिर बमुश्किल पार्टी जीती है. वहां नई रणनीति के साथ पार्टी काम कर रही है. ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड अंचल की सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. मालवा-निमाड़ में 66 विधानसभा सीटें आती हैं. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी की सीटें घटी थीं, ग्वालियर चंबल सहित आदिवासियों सीटों पर भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा था. ऐसे मिला ली जाए तो पार्टी ने सौ सीटों का सर्वे किया है. जहां पर पार्टी ने जीत हासिल नहीं की है. इन सीटों पर बूथ और यूथ कनेक्विटी का काम पार्टी ने शुरु कर दिया है.