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बीजेपी को बूथ विस्तारक से 2023 में जीत की उम्मीद, कांग्रेस को जनता के आक्रोश से आस

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Published : Feb 12, 2022, 4:51 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 11:01 PM IST

प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होगा, लेकिन इसकी तैयारी में बीजेपी और कांग्रेस अभी से जुटी हुई है. बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर छींटाकशी से बाज नहीं आ रही. अब किसका अभियान रंग लायेगा, ये आनेवाला वक्त ही बताएगा.

Preparation of BJP Congress for Mission 2023
मिशन 2023 को लेकर बीजेपी कांग्रेस की तैयारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में डोर टू डोर यानी घर-घर दस्तक देने के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दल ने अभियान छेड़ा है. भाजपा ने बूथ विस्तारक कार्यक्रम के तहत जहां प्रदेश के हर बूथ पर जाकर लोगों से मेल-मुलाकात की, वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ता भी घर चलो घर-घर चलो अभियान के जरिए लोगों के बीच पहुंच रहे हैं. बीजेपी के सत्ता और संगठन के नेता बूथ केंद्रों से शिकायतों की गठरी लेकर लौटे हैं वहीं कांग्रेस के अभियान में भी जनता महंगाई व बेरोजगारी को लेकर शिकायतें कर रही हैं.बूथ केंद्रों से सरकार के खिलाफ मिली शिकायतों ने जहां भाजपा में चिंता बढ़ा दी है. वहीं कांग्रेस मुगालते में है कि सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश है.

मिशन 2023 को लेकर बीजेपी कांग्रेस की तैयारी

जनता के बीच नेता!
भाजपा शास्ति प्रदेश में बूथ स्तर पर जनाधार बढ़ाने के लिए 15 दिनों तक घर-घर दस्तक देने का कार्यक्रम चलाया गया. जिसमें सत्ता और संगठन के छोटे-बड़े 20,000 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. बूथ विस्तारक कार्यक्रम में मैदानी कार्यकर्ताओं को शिकवे-शिकायतों का सामना करना पड़ा. जिसमें बिजली बिलों की समस्या से लेकर वृद्धावस्था पेंशन, पीएम आवास, पानी ,सड़क के अलावा संबल योजना की नवीनीकरण ना होने के मामले भी सामने आए. वहीं कांग्रेस अपने अभियान के दौरान ये देख रही है कि जनता में महंगाई और बेरोजगारी को लेकर आक्रोश है.

मिशन 2023 को लेकर बीजेपी कांग्रेस की तैयारी

'कांग्रेस का घर चलो अभियान यानी अपने-अपने घर चलो'
भाजपा प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि बूथ विस्तारक कार्यक्रम ने नया कीर्तिमान रचा है. बड़ी संख्या में यूथ इससे जुड़ा है और पार्टी का डिजिटल फॉरमेशन हुआ है. पाराशर ने बताया कि 65 हजार बूथों में से 95% का वेरिफिकेशन हुआ है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा इस कार्यक्रम के जरिए लोगों ने अपनी समस्याएं और शिकायतें पहुंचाई है जो कि सीधे सरकार तक पहुंचाई जाएंगी और इनका समाधान किया जाएगा. कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ये नकल भी ठीक से नहीं कर पाते. हमने बूथ चलो शुरू किया तो उन्होंने घर चलो अभियान शुरू किया. इनके अभियान के पहले दिन ही कमलनाथ गाड़ी में बैठ कर अपने घर चले गए. कांग्रेस के घर-घर चलो अभियान का मतलब अपने-अपने घर चलो. कांग्रेस के पास अब कोई काम नहीं बचा है.

बूथ विस्तारक कार्यक्रम में जनता ने जमकर कोसा
इधर कांग्रेस के महामंत्री केके मिश्रा का कहना है कि उत्तर प्रदेश के संकेतों से पता चल रहा है कि बीजेपी संवाद तोड़ने की स्थिति में आ रही है. भाजपा का बूथ विस्तारक कार्यक्रम समाप्त हो गया है लेकिन इसमें कितनी सफलता मिली है ये पार्टी वाले ही जानते हैं. मिश्रा का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनों ने सरकार की जमकर आलोचना की है. किसानों की समस्या, कानून व्यवस्था,बेरोजगारी को लेकर लोगों ने सरकार को कोसा है. इसके बाद भी यह प्रफुल्लित होते हैं तो उन्हें यह स्थितियां मुबारक हो. कांग्रेस नेता मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के घर-घर चलो अभियान में भी सरकार के खिलाफ लोग मुखर होकर अपनी बात रख रहे हैं.

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मिशन 2023 की तैयारी
मध्य प्रदेश में आगामी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही तैयारी में जुट गई हैं. इसी के मद्देनजर दोनों ही दलों ने बूथ स्तर पर अपना जनाधार बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीके से अभियान शुरू किए हैं. अब देखना यह है कि क्या यह दोनों अभियान इन दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए कितने फलदाई साबित होते हैं.

(BJP booth expansion plan) (Congress Ghar Chalo campaign)

Last Updated : Feb 12, 2022, 11:01 PM IST

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