भोपाल। मध्यप्रदेश में डोर टू डोर यानी घर-घर दस्तक देने के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दल ने अभियान छेड़ा है. भाजपा ने बूथ विस्तारक कार्यक्रम के तहत जहां प्रदेश के हर बूथ पर जाकर लोगों से मेल-मुलाकात की, वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ता भी घर चलो घर-घर चलो अभियान के जरिए लोगों के बीच पहुंच रहे हैं. बीजेपी के सत्ता और संगठन के नेता बूथ केंद्रों से शिकायतों की गठरी लेकर लौटे हैं वहीं कांग्रेस के अभियान में भी जनता महंगाई व बेरोजगारी को लेकर शिकायतें कर रही हैं.बूथ केंद्रों से सरकार के खिलाफ मिली शिकायतों ने जहां भाजपा में चिंता बढ़ा दी है. वहीं कांग्रेस मुगालते में है कि सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश है.
जनता के बीच नेता!
भाजपा शास्ति प्रदेश में बूथ स्तर पर जनाधार बढ़ाने के लिए 15 दिनों तक घर-घर दस्तक देने का कार्यक्रम चलाया गया. जिसमें सत्ता और संगठन के छोटे-बड़े 20,000 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. बूथ विस्तारक कार्यक्रम में मैदानी कार्यकर्ताओं को शिकवे-शिकायतों का सामना करना पड़ा. जिसमें बिजली बिलों की समस्या से लेकर वृद्धावस्था पेंशन, पीएम आवास, पानी ,सड़क के अलावा संबल योजना की नवीनीकरण ना होने के मामले भी सामने आए. वहीं कांग्रेस अपने अभियान के दौरान ये देख रही है कि जनता में महंगाई और बेरोजगारी को लेकर आक्रोश है.
'कांग्रेस का घर चलो अभियान यानी अपने-अपने घर चलो'
भाजपा प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि बूथ विस्तारक कार्यक्रम ने नया कीर्तिमान रचा है. बड़ी संख्या में यूथ इससे जुड़ा है और पार्टी का डिजिटल फॉरमेशन हुआ है. पाराशर ने बताया कि 65 हजार बूथों में से 95% का वेरिफिकेशन हुआ है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा इस कार्यक्रम के जरिए लोगों ने अपनी समस्याएं और शिकायतें पहुंचाई है जो कि सीधे सरकार तक पहुंचाई जाएंगी और इनका समाधान किया जाएगा. कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ये नकल भी ठीक से नहीं कर पाते. हमने बूथ चलो शुरू किया तो उन्होंने घर चलो अभियान शुरू किया. इनके अभियान के पहले दिन ही कमलनाथ गाड़ी में बैठ कर अपने घर चले गए. कांग्रेस के घर-घर चलो अभियान का मतलब अपने-अपने घर चलो. कांग्रेस के पास अब कोई काम नहीं बचा है.