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एमपी BJP में नए टाइगर की एंट्री! जानें रुक-रुक कर सियासी गलियारों में हल-चल की वजह - new tiger in mp bjp jyotiraditya scindia

इस हफ्ते 'अंदर की लाएं हैं' में आप पढ़ेंगे कि सिंधिया का ना सिर्फ एमपी बल्कि पूरे भाजपा पर दबदबा, बीजेपी का कांग्रेस के दिवंगत नेताओं को अपने पक्ष में लाना और कुमार विश्वास किस की शह पर बढ़ा रहे हैं एमपी के राजनीतिक गलियारों की गर्मी-

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अंदर की लाए हैं

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Published : Mar 12, 2023, 10:30 AM IST

भोपाल।एमपी बीजेपी में कौन बता रहा है खुद को टाइगर और महान, बीजेपी की सरकार में कांग्रेस के दिग्गज दिवंगत नेताओं को दिया जा रहा मान. आखिर इस सियासत का छोर है कहां, कौन है जो कुमार पर जता रहा है विश्वास. इसके अलावा रुक-रुक कर एमपी की राजनीति में होता रहे हंगामा, ये है किसकी आस. जानेंगे सब कुछ यहां, पढ़िए अंदर की लाएं हैं-

बीजेपी में टाइगर कौन:अब तक तो आप भी शिवपुरी के कार्यक्रम का वो वीडियो देख चुके होंगे.. अरे बाघों की शिफ्टिंग का वही कार्यक्रम जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत बीजेपी के कई बड़े सितारे मौजूद थे. आपने वो वीडियो भी देख ही लिया होगा कि जिसमें सिंधिया भाषण शुरु करने से एन पहले वीडी शर्मा को रोक देते हैं, राजनीति में केवल बोलकर ही नहीं कई बार मौन से भी बड़े संदेश पहुंचाए जाते हैं. तो यहां भी वही हुआ, सिंधिया के होम फ्रंट से आए इस वीडियो के संदेश में सिंधिया को कई जगह टाइगर की तरह ही पढ़ा गया और बताया गया कि बीजेपी में उन्हीं की दहाड़ सुनी जा रही है. मिसाल देख लीजिए प्रदेश अध्यक्ष को भी भाषण से रोक दिया गया, लेकिन फिर ये संदेश पहुंचाने मे भी देर नहीं लगाई गई कि सिंधिया जी ने अपमान नहीं, मान दिया है वीडी शर्मा को. क्योंकि बीजेपी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आखिरी में ही भाषण देते हैं, अब वीडियो का कथानक बीजेपी जो बताए जिन्हें जो बांचना था सो बांच गए.

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बड़े महाराज भी हमारे हैं:बीजेपी की राजनीति के इस दांव को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, देखिए ज़रा कि पिछले एक हफ्ते के भीतर मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के दो कद्दावर नेता जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश को पहचान दी. उन नेताओं को मान बढ़ाने बीजेपी के नेता मोर्चा संभाले हुए थे. पहले भोपाल में विंध्य की शान अर्जुन सिंह की प्रतिमा का अनावरण सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया और फिर ग्वालियर में ग्वालियर चंबल में कांग्रेस की राजनीति तय करने वाले दिवंगत नेता माधव राव सिंधिया की याद में एक के बाद एक सुबह से शाम तक कार्यक्रम करके ये बता दिया कि लीजिए अब बड़े महाराज भी बीजेपी के ही पाले में है. अब इसकी चुनावी तर्जुमानी की जाए तो कहा ये जा रहा है कि चुनावी साल में ये दोनों आयोजन बीजेपी की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. विंध्य और ग्वालियर चंबल की सियासत में बड़ा संदेश तो पहुंचा ही दिया गया है.

कुमार पर कौन जता रहा विश्वास: कवि कुमार विश्वास का उज्जैन प्रसंग बीजेपी के लिए तो कभी ना भूलने वाला प्रसंग हो जाना चाहिए था, आखिर सरकारी आयोजन में कुमार विश्वास आरएसएस का अपमाननक टिप्पणी करके गए थे. सुना तो ये था कि उसके बाद कई भाजपाईयों ने इस तरह के तेवर दिखाए कि अब एमपी में कुमार विश्वास का आयोजन होना मुश्किल हो जाएगा, लेकिन लीजिए ब्रेक के बाद कुमार विश्वास तो सीएम शिवराज पर तंज करते हुए रिटर्न ले लिए. बेशक बीजेपी के कई प्रवक्ता कुमार विश्वास को नसीहत देने सामने आए, लेकिन मूल बात ये है कि आखिर एमपी में कुमार पर ऐसा विश्वास कौन जता रहा है कि कवि जब भी आते हैं तो ऐसा मुद्दा बनाकर जाते हैं और फिर महीनों तक एमपी में सियासी गलियारों में उनकी और उनके बयान की चर्चा होती रहती है.

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