भोपाल। कानून के रखवाले ही लोगों से बदसलूकी करते हैं. लोग न्याय पाने के लिए पुलिस के पास शिकायत करते हैं और अगर पुलिस ही ऐसा करे तो इंसान कहां जाए. पुलिस की शिकायतें पुलिस के पास ही पहुंच रही हैं. ये आंकड़ा तब सामने आया जब डायल-100 की टीम ने कंप्लेंट पुलिस इवेंट की कैटेगरी का विश्लेषण किया. नॉन एफआरवी इवेंट में शामिल इस कैटेगरी में नौ अलग-अलग सब कैटेगरी होती हैं. इनमें अभद्र भाषा, रिश्वत मांगना, कस्टडी ऑफेंस, एफआईआर न लिखना, एफआरवी मिस्कंडक्ट, इल्लीगल कन्फाइन, इल्लीगल सर्च, गैरवाजिब जब्ती और एक्शन न लेना शामिल हैं.
डायल 100 की मदद महिलाएं ज्यादा ले रहीं :पुलिस की सबसे ज्यादा शिकायतें एक्शन न लेने, एफआईआर न लिखने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने की हैं. दरअसल, मध्यप्रदेश में डायल-100 की शुरुआत एक नवंबर 2015 को की गई थी. शुरुआती महीनों में महिलाओं द्वारा पुलिस को बुलाने का आंकड़ा महज तीन हजार तक ही सिमट जाता था. अब ये ग्राफ इतना बढ़ गया है कि वर्ष 2021 में प्रदेश की 2 करोड़ 21 लाख महिलाओं ने डायल 100 कर पुलिस की मदद ली है. पुलिस की मदद लेने में इंदौर की महिलाएं सबसे आगे हैं. यहां ये आंकड़ा 15982 है, जबकि भोपाल में इस साल में 13240 महिलाओं ने पुलिस को कॉल किए.
अलग-अलग कैटेगरी में आती है डायल 100 में शिकायतें :डायल 100 के स्टेट लेवल कंट्रोल रूम में साल 2021 में 42 हजार सूचनाएं खुदकुशी के कोशिश की पहुंचीं. इनमें इंदौर के 3167 लोगों को वक्त रहते एफआरवी ने अस्पताल पहुंचाया. ऐसे ही भोपाल में 2876 लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई गई. 1 करोड़ 27 लाख सड़क हादसों की सूचना पर एफआरवी मौके पर पहुंची. इनमें 38 स्पॉट ऐसे थे, जिनमें एक से ज्यादा मौतें हुई हैं. साधारण सड़क हादसे की. यहां 118812 सूचनाएं पहुंचीं. स्टेट लेवल कंट्रोल रूम में अलग-अलग 261 कैटेगरी में शिकायतें दर्ज की जाती हैं.