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MP पुलिस हुई डिजिटल, CCTNS सिस्टम से मिल रही मदद - गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा

अब मध्य प्रदेश पुलिस टेक्नोलॉजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है, जहां आधुनिक उपकरण और सीसीटीएनएस सिस्टम के तहत पुलिस अधिकारी कहीं भी बैठकर सभी थानों के दर्ज अपराध, चालान प्रक्रिया सहित जानकारियां प्राप्त करते हैं. पढ़िए पूरी खबर.

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प्रदेश पुलिस हुई डिजिटल

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Published : Dec 7, 2020, 1:56 PM IST

भोपाल। बदलते जमाने के साथ-साथ मध्य प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली में भी बदलाव आया है. अब पुलिस टेक्नोलॉजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है. मध्य प्रदेश पुलिस के सभी थाने खास तौर पर बड़े शहरों के थाने सीसीटीएनएस सिस्टम यानी कि, क्राईम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम से जुड़े हुए हैं. इस सिस्टम के तहत पुलिस अधिकारी कहीं भी बैठकर थानों में दर्ज किए जाने वाले अपराध, चालान प्रक्रिया और अन्य जानकारियों का आदान-प्रदान करते हैं.

प्रदेश पुलिस हुई डिजिटल
क्या हैं सीसीटीएनएस सिस्टम ?क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम केंद्र सरकार का एक प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश के सभी थानों में कंप्यूटर, लैपटॉप और इंटरनेट उपलब्ध कराया गया है. अब थानों में दर्ज होने वाली एफआईआर इन्हीं इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के जरिए दर्ज की जाती है. ये सिस्टम पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों और दूसरे थानों से लिंक होता है. अधिकारी सीसीटीएनएस के माध्यम से अपने कार्यालयों में बैठकर सभी थानों के दर्ज अपराध, चालान प्रक्रिया सहित जानकारियां प्राप्त करते हैं. इसके अलावा सीसीटीएनएस सिस्टम के जरिए थानों के सभी रिकॉर्ड भी ऑनलाइन होते हैं. वहीं जिला मुख्यालय और जिला स्तर पर मॉनिटरिंग भी आसानी से होती है.सिटीजन पोर्टल की शुरुआतपुलिस ने आम जनता की सुविधा के लिए सिटीजन पोर्टल की शुरुआत की है. इस पोर्टल के माध्यम से एक दर्जन से ज्यादा सेवाएं घर बैठे मिल सकती हैं. सिटीजन पोर्टल पर ई-एफआईआर, शिकायत, वाहन गुम या चोरी, कर्मचारी सत्यापन, किराएदार की जानकारी, घरेलू सहायता सत्यापन, सूने मकान की जानकारी, घर में अकेले रह रहे बुजुर्गों की जानकारी सहित होटलों में ठहरने वाले लोगों का वेरिफिकेशन किया जा सकता है. पुलिस ने ये सभी सेवाएं ऑनलाइन कर दी हैं.

अगर कोई व्यक्ति घर सुना छोड़कर शहर से बाहर जा रहा है, तो वो इस पोर्टल पर जानकारी साझा कर सकता है, जिससे संबंधित थाना स्टॉफ सूने मकान की निगरानी करेगा. इसके अलावा घर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों से भी पुलिस के जवान समय-समय पर मुलाकात कर हाल-चाल जानते रहेंगे. इसी तरह की कई सेवाओं के लिए अब पुलिस ऑनलाइन उपलब्ध है.

चौक-चौराहे और गली-मोहल्ले CCTV कैमरों से लैस
राजधानी के नए और पुराने शहर में चौक-चौराहों पर 1 हजार 595 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों को सड़कों के नाम और नंबर के हिसाब से रखा गया है, जिनका आउटपुट सीधे पुलिस कंट्रोल रूम में मिलता है. यहां मॉनिटरिंग के लिए पुलिस की पूरी टीम तैनात रहती है. इसके अलावा पुलिस अभियान भी चला रही है, जिसके तहत गली-मोहल्लों, संस्थानों और दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.

सीसीटीवी कैमरे के जरिए जहां एक तरफ चौक-चौराहों पर बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है, तो वहीं अपराधियों की धरपकड़ में सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हो रहे हैं.

'एफआईआर आपके द्वार' सुविधा की शुरुआत
मध्य प्रदेश में पहले ही डायल हंड्रेड वाहन संचालित किए जा रहे हैं. इसके बाद हाल ही में 'एफआईआर आपके द्वार' सुविधा की भी शुरुआत की गई है, जिसके तहत फरियादी घर बैठे एफआईआर दर्ज करवा सकता है. इसके लिए डायल हंड्रेड की टीम शिकायतकर्ता के घर पहुंचती है. इसके बाद थाने पहुंचकर शिकायत को सीसीटीएनएस सिस्टम में अपलोड कर दिया जाता है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना को प्रदेश के 23 थानों से शुरू किया गया था, लेकिन अब इस सुविधा को अपडेट किया गया है. इसके रिस्पांस को देखते हुए जल्द ही प्रदेश के सभी जिलों में इसे लागू कर दिया जाएगा.

प्रदेश के थाने भी होंगे सीसीटीवी कैमरों से लैस
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए है कि, देश भर के थानों में ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं. उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद अब जल्द ही प्रदेश के सभी थानों में ऑडियो रिकॉर्डिंग सहित सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. यह कैमरे थानों के प्रवेश और निकास द्वार, लॉबी, लॉकअप, वॉशरूम के बाहर और थाना इंचार्ज के कमरों में लगाए जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश भी दिए हैं कि, इन कैमरों के रिकॉर्ड 18 महीनों तक सुरक्षित रखे जाएं. निर्देशों के बाद अब मध्य प्रदेश शासन सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी में जुट गया है. हालांकि, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के कई थानों में पहले से ही सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं, लेकिन अब यहां ऑडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की जाएगी.

गृहमंत्री का बयान

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि, इन कैमरों से जहां एक तरफ आम जनता को थानों में होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगा, तो वहीं पुलिसकर्मियों की भी मनमर्जी पर रोक लग सकेगी.

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