भोपाल।पुलिस हेडक्वार्टर से लेकर थाने तक स्मार्ट हो गई है. विवेचना में तेजी आई है. इससे केस का निपटारा जल्दी हो जाता है. यह बड़ी जानकारी सामने निकलकर आई भोपाल में चल रही दो दिनी कांफ्रेंस से. भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से भोपाल में 6-7 मार्च को 'सुशासन प्रथाओं' पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में सोमवार से यह कार्यक्रम शुरू हुआ.
थानों का कार्य डिजिटल:इस कार्यक्रम में पूरे देश के लगभग 200 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. पहले दिन मध्य प्रदेश पुलिस विभाग के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के एडीजी चंचल शेखर ने 'ई-विवेचना ऐप' पर प्रेजेन्टेशन दिया. एडीजी शेखर ने बताया कि, सीसीटीएनएस के माध्यम से थानों का कार्य डिजिटल हुआ है. स्मार्ट (सेंसिटिव, मोबाइल, अलर्ट, रिलायबल और टेक सेवी) पुलिसिंग की अवधारणा को लागू करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा मैदानी स्तर पर पुलिसकर्मियों को डिजिटल टूल के रूप में ई-विवेचना ऐप विकसित कर उपलब्ध कराया गया है.
क्लालिटी विवेचना हुई शुरू:एडीजी चंचल शेखर ने बताया कि ई-विवेचना एप के उपयोग से मध्य प्रदेश पुलिस की तकनीकी दक्षता बढ़ी है. विवेचक टैबलेट की सहायता से मौके पर ही वास्तविक समय में विवेचना कर सकते हैं. जिससे पारदर्शिता एवं गुणवत्ता आई है. इस ऐप की मदद से विवेचक घटनास्थल का विवरण जैसे फोटो, वीडियो, गवाहों के बयान, घटनास्थल के वास्तविक निर्देशांक और केस डायरी की जानकारी सीधे सीसीटीएनएस में दर्ज कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस तकनीक को मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों की पुलिस ने भी सराहा है. इस तरह की तकनीक पर कार्य करने की इच्छा भी जताई है. भारत सरकार ने भी इस डिजिटल नागरिक सुविधा की प्रशंसा की है.