भोपाल। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अब नए सिरे से पंचायतों का परिसीमन (new delimitation in mp) किया जा रहा है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने परिसीमन के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया है. परिसीमन 2011 की जनगणना के आधार पर ही किए जाएंगे. 17 जनवरी से शुरू होकर 28 फरवरी परिसीमन चलेगा. दरअसल ओबीसी आरक्षण का मसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बाद शिवराज सरकार ने 2014 के परिसीमन और आरक्षण के आधार पर चुनाव कराने के लिए जारी की गई, अधिसूचना को वापस ले लिया था.
एमपी में नए सिरे से परिसीमन के बाद पंचायत चुनावः 17 जनवरी से शुरू होगी प्रक्रिया - mp latest news
एमपी में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav) निरस्त हो चुके हैं, जबकि ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसपर अगली सुनवाई 17 जनवरी को होने वाली है. इस बीच मध्यप्रदेश सरकार ने पंचायत चुनावों के परिसीमन के आदेश जारी कर दिए गए हैं. परिसीमन की प्रक्रिया भी 17 जनवरी से 28 फरवरी तक की जाए.
17 जनवरी से परिसीमन
नगरी निकाय में सम्मिलित या पृथक ग्राम या फिर ऐसी ग्राम पंचायत, जो सिंचाई परियोजना से डूब में आ गए और परिसीमन में छूट गए थे, ऐसी ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के लिए 17 जनवरी को प्रारंभिक प्रकाशन किया जाएगा. प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे आपत्तियां और सुझाव प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 25 जनवरी 2022 होगी. इन ग्राम पंचायतों के संबंध में प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे, आपत्तियां और सुझाव पर निराकरण 29 जनवरी तक किया जाएगा. 3 फरवरी तक तमाम दावे, आपत्ति और सुझाव पर निराकरण के बाद पंचायत के गठन का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा. 11 फरवरी 2022 तक ग्राम पंचायत की वार्ड का निर्धारण और उसका प्रारंभिक प्रकाशन होगा. 18 फरवरी प्रभावित ग्राम पंचायत के वार्डों की प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे, आपत्तियां और सुझाव प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख निर्धारित की गई है. 21 फरवरी तक प्रारंभिक प्रकाशन पर प्राप्त दावे, आपत्ति और सुझाव पर निराकरण किया जाएगा. 23 फरवरी को दावे, आपत्तियों के निराकरण के बाद सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा.
पंचायत के बाद जनपद पंचायत, जिला पंचायत का परिसीमन
पंचायत के परिसीमन की कार्रवाई के बाद प्रदेश की जनपद पंचायत, जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण उनके क्षेत्र का प्रारंभिक प्रकाशन 4 फरवरी को किया जाएगा. इसके लिए प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे, आपत्तियां और सुझाव प्रस्तुत करने के लिए 11 फरवरी तक का समय निर्धारित किया गया है. इसी तरह 18 फरवरी को इन दावे, आपत्ति और सुझाव का निराकरण किया जाएगा. अधिसूचना के अंतिम प्रकाशन के लिए तारीख 18 फरवरी तय की गई है. 28 फरवरी को आयुक्त पंचायत राज संपूर्ण राज्य की संकलित जानकारी एवं प्रतिवेदन राज्य शासन को भेजेगा.
राजनीति गरमाने के आसार
गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण खत्म होने के बाद प्रदेश में घमासान मचा था. इसके बाद विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव कराए जाने का संकल्प पारित किया था. वही सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत चुनावों (MP Panchayat Chunav) में ओबीसी आरक्षण को खत्म करने के बाद राज्य सरकार ने 2014 के परिसीमन और आरक्षण के आधार पर कराए जा रहे चुनावों का अध्यादेश वापस ले लिया था. अब प्रदेशभर की पंचायतों का नए सिरे से परिसीमन कराया जा रहा है. हालांकि 2021 की जनगणना अभी पूरी नहीं हो पाई है, इसलिए 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही परिसीमन की कार्रवाई की जा रही है.