भोपाल।मध्यप्रदेश में बिजली खरीदी के लिए किए गए करार कंपनियों पर भारी पड़ रहे हैं, जिसमें सरकार को बिजली खरीदे ही करोड़ों का भुगतान करना पड़ रहा है. पिछले तीन साल में ही सरकार 1773 करोड़ रुपए का भुगतान (Paid 1700 crores without buying electricity) कर चुकी है. वहीं, बिजली कंपनियों के घाटे की भरपाई के लिए एक बार फिर बिजली की दरें बढ़ाए जाने का विरोध शुरू हो गया है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने बिजली की दरें न बढ़ाए जाने की मांग की है.
इसलिए देने पड़े सरकार को 17 सौ करोड़ :विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है कि पिछले तीन सालों में बिजली कंपनियों ने 1773 करोड़ का भुगतान उन पॉवर प्लांट को किया है, जिनसे एक भी यूनिट बिजली नहीं खरीदी गई. विधानसभा में सरकार द्वारा दिए गए जवाब में बताया गया कि साल 2019-20 में 494.25 करोड का भुगतान किया गया. साल 2020-21 में 908.27 करोड़ और साल 2021-22 में 371.19 करोड़ का भुगतान किया गया. इस तरह तीन साल में ही बिजली कंपनियों ने 1773.71 करोड़ का भुगतान कर दिया. इस नुकसान की भरपाई बिजली कंपनियां आम लोगों से वसूलने की तैयारी कर रहा है.