भोपाल।सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) रोड शो और रैलियों में अक्सर गुड गवर्नेंस की बात करते नजर आते हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति बिलकुल उलट है. यहां न तो गुड गवर्नेंस है और न ही जनता की सुनने वाला कोई अधिकारी. फरियादी शिकायत के निवारण के लिए कई बार अधिकारियों की चौखट पर पहुंचता है, लेकिन निराशा के सिवाय उसे कुछ नहीं मिलता. ईटीवी भारत (ETV Bharat Special Report) ने दो केसों को लेकर बारिकी से स्टडी किया, इनमें कहीं भी गुड गवर्नेंस (Cm Shivraj Good Governance) नहीं दिखी. पढ़ें यह रिपोर्ट.
पहला केसः मकान बनाने की अनुमति के बाद पटवारी ने लगाया स्टे
रायसेन जिले के रहने वाले सुनील प्रजापति पिछले एक साल से तहसील से लेकर जिले तक अपनी सुनवाई के लिए चप्पलें घिस रहे हैं. अफसोस, शिवराज के तैनात किए गए कलेक्टर और अधिकारी सुनील की शिकायत तक सुनने को तैयार नहीं हैं. सुनील ने अपनी समस्या ईटीवी भारत के साथ शेयर की. उन्होंने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिला है. दो किश्तें भी मिल गयीं हैं, लेकिन जिस सरकारी जमीन पर मकान बना रहा है. वहां अब दबंग कब्जा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पटवारी ने रिपोर्ट में इस जमीन को सरकारी दिखाया. उसके बाद मकान बनवाना शुरू कर दिया. इस बीच दबंगों ने किसी तरह तहसीलदार पर दबाव बनाकर दोबारा पटवारी से रिपोर्ट मांगी. अब रिपोर्ट बदल गई है और पटवारी ने मकान पर स्टे लगा दिया.
मिली जानकारी के मुताबिक, जिस दबंग ने मकान पर स्टे लगवाया है. वह बीजेपी कार्यकर्ता है. यही नहीं दबंग पहले सुनील को बंधक बनाकर पीट चुके हैं और उससे केस वापस लेने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. अब दबंगों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर मकान पर स्टे भी लगवा दिया.
दूसरा केसः सेल्समैन ने सरकारी कोटे का अनाज बेची, कार्रवाई भी नहीं
यह मामला भी रायसेन जिले का है. सरकार दावा कर रही है कि हर घर, हर गरीब को अनाज मिलेगा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. तहसील उदयपुरा के भाड़ोंन गांव के राशन दुकान के सेल्समैन ने सरकारी अनाज बेच दिया. इस संबंध में कलेक्टर (Raisen Collector) से भी शिकायत की गई, लेकिन रसूख के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई. कलेक्टर साहब ने जांच का हवाला देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया.