NSUI Protest in Bhopal: नर्सिंग कॉलेजों में परीक्षा कराने की मांग को लेकर एनएसयूआई का पैदल मार्च, सैकड़ों की संख्या में शामिल हुए छात्र - NSUI Paidal March in Bhopal
नर्सिंग कॉलेजों में परीक्षा कराने की मांग को लेकर भोपाल में एनएसयूआई का पैदल मार्च निकला. NSUI का आरोप है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग की लापरवाही और नर्सिंग घोटालों की वजह से प्रदेश के लाखों छात्र परीक्षाओं से वंचित रह गए हैं.
एनएसयूआई का पैदल मार्च
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Published : Aug 1, 2023, 1:43 PM IST
भोपाल।नर्सिंग कॉलेजों में परीक्षा कराने की मांग को लेकर मंगलवार को एनएसयूआई ने पैदल मार्च निकाला. ये मार्च राजधानी भोपाल में रेडक्रॉस हॉस्पिटल से राजभवन तक निकला गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र शामिल हुए. इस दौरान रेड क्रॉस के पास पुलिस ने बैरिकेटिंग कर रखी थी, इस पर वहां छात्र-छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की.
एनएसयूआई का पैदल मार्च, सैकड़ों की संख्या में शामिल हुए छात्र
नर्सिंग कॉलेजों में पिछले 3 साल से नहीं हुईं परीक्षाएं:बता दें कि नर्सिंग कॉलेजों में पिछले 3 साल से परीक्षाएं नहीं हुई हैं. ऐसे में इसमें घोटाले का आरोप लगाते हुए सैकड़ों की संख्या में नर्सिंग स्टूडेंट्स ने राजधानी में डेरा जमाया हुआ है. यह सभी राजभवन तक पैदल मार्च के लिए एकत्रित हुए. भोपाल के रेड क्रॉस हॉस्पिटल और जेपी अस्पताल में सैकड़ों स्टूडेंट्स जुटे और राजभवन के लिए रवाना हुए. इसके बाद इन्हें पुलिस ने रेड क्रॉस के आगे ही बैरीगेटिंग करके रोक दिया, जहां स्टूडेंट्स और पुलिस में बहस बाजी भी हुई. इस पर स्टूडेंट्स सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे.
नर्सिंग घोटालों की वजह से प्रदेश के लाखों छात्र परीक्षाओं से वंचित :इन नर्सिंग छात्रों का नेतृत्व कर रहे एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार का कहना था कि "चिकित्सा शिक्षा विभाग की लापरवाही और नर्सिंग घोटालों की वजह से प्रदेश के लाखों छात्र परीक्षाओं से वंचित रह गए हैं. पिछले 3 साल से नर्सिंग कॉलेजों में परीक्षाएं नहीं हुई हैं, जिसके चलते इन छात्रों का भविष्य अंधकार में है. ऐसे में इनकी मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किए गए. बावजूद इसके अभी तक परीक्षाओं की न जानकारी दी गई और न तिथि घोषित की जा रही है."
आपको बता दें कि इसके पहले भी यह छात्र चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले के बाहर धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. इस दौरान इन छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जेल भेज दिया था. इन छात्रों का कहना है कि वो राज्यपाल से मिलकर अब अपनी मांगों का निराकरण चाहते हैं, लेकिन प्रदेश का चिकित्सा शिक्षा विभाग अपनी मनमानी पर अडिग है.