भोपाल।मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार पर 50 प्रतिशत कमीशन के आरोपों को लेकर कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर दर्ज किए जाने का मुद्दा अभी शांत नहीं हुआ कि अब एक और पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह पत्र रीवा के गौशाला पेटी कांट्रेक्टर संगठन के सिविल इंजीनियर पीयूष पांडे के नाम से जबलपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लिखा गया है. इस पत्र में 38 लाख की गौशाला के काम में 14.50 लाख से ज्यादा कमीशन बांटने की शिकायत की गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने यह पत्र ट्वीट किया है.
अरुण यादव ने दिया चैलेंज :अरुण यादव ने लिखा "मुख्यमंत्री और बीजेपी नेताओं को 50% कमीशन के सबूत चाहिए थे ना. आप लोगों की वजह से ज्ञानेंद्र अवस्थी सामने नहीं आया था लेकिन पीयूष पांडे किसी भी मंच पर 50% कमीशन पर बात करने के लिए तैयार है. अब जाइए और जाकर फिर मेरे और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज कराइए." बता दें कि जबलपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में गौशाला पेटी कांट्रेक्टर संगठन के सिविल इंजीनियर पीयूष पांडे ने शासकीय कार्यों में 50% कमीशन लेकर भुगतान करने की शिकायत करते हुए अपनी पीड़ा जाहिर की है.
गौशाला निर्माण में कमीशन :पत्र में लिखा है "हम रीवा के पेटी कॉन्ट्रैक्ट ग्वालियर के पीड़ित पेटी कांट्रेक्टर की तरह ही प्रताड़ित हैं. 38 लाख की गौशाला में 14.50 लाख से अधिक के कमीशन बांटने की शिकायत हम प्रमाण के साथ कर चुके हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी से हम ठेकेदार प्रताड़ित हैं. सरकार हमें गुणवत्ता से समझौता करने के लिए विवश कर रही है. रीवा समेत पूरे प्रदेश में कुछ दलाल सक्रिय हैं, जो कमीशन के साथ काम कर रहे हैं और ठेकेदारों को लूट रहे हैं."