मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

MP में 'लाड़ली बहना योजना' के लाभ का परित्याग करने का आदेश निरस्त, सरकार की हो रही थी फजीहत

Give up Benefits of Ladli Bahna Yojana Orders: शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की लाड़ली बहना योजना एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में किसी गेम चेंजर से कम नहीं थी. इस योजना को लेकर एक ऐसा आदेश जारी कर दिया गया जिससे सरकार की किरकिरी हो गई. अब उस आदेश को रद्द कर दिया गया है.

MP Ladli Bahna Yojana
एमपी लाड़ली बहना योजना

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 15, 2023, 7:47 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने वाली अपात्र महिलाओं के परित्याग (स्वयं द्वारा त्यागने का फैसला) करने संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया गया है. इस संबंध में सागर के महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी इस बाबत आदेश जारी किया था.

आदेश में ये कहा गया था:सागर के महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी द्वारा जारी किए गए पत्र में लिखा गया था कि "यदि किसी पर्यवेक्षक या किसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका या स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष या सचिव या समूह के सदस्य द्वारा लाड़ली बहना योजना की जो शासन द्वारा निर्धारित शर्तें थीं, उन शर्तों के विपरीत लाभ लिया गया है, तो पंद्रह दिन के भीतर लाभ परित्याग कर दें अथवा शर्तों के विपरीत लाभ लेने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे."

सरकार की फजीहत, कांग्रेस ने कहा धोखा :इस आदेश से प्रदेश सरकार की फजीहत होने लगी थी. मगर, सागर के ही कार्यक्रम अधिकारी ने इस आदेश को निरस्त कर दिया. यह आदेश सामने आने पर सियासी हलचल मच गई और कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री सैयद जाफर ने इसे महिलाओं के साथ धोखा बताया.

ये भी पढ़ें:

वहीं, महिला बाल विकास विभाग भी सक्रिय हुआ और उसने इस आदेश को निरस्त कर दिया. यह निरस्त करने का आदेश सागर के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जारी किया है.

शिवराज सिंह के सीएम रहते शुरू हुई थी योजना:ज्ञात हो कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू की थी. इस योजना के जरिए 1,000 से बढ़ाकर 3,000 रुपये मासिक तक दिए जाने का वादा किया गया था. उसी के मुताबिक महिलाओं को वर्तमान में 1,250 रुपए मिल रहे हैं. इस योजना में शुरुआती तौर पर कुछ शर्तें निर्धारित की गई थीं, जिन्हें बाद में खत्म कर दिया गया और अधिकांश महिलाएं इस योजना के लाभ की श्रेणी में आ गईं.

(Agency-IANS)

ABOUT THE AUTHOR

...view details