भोपाल।कांग्रेस का कहना है कि पेसा एक्ट 1996 में देश के आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए कांग्रेस की सरकार ने बनाया था. इसे 2004 से भाजपा सरकार जुमला बताकर बेच रही है. भाजपा की सरकार ने ना तो इस कानून को लागू करने के लिए 18 वर्ष में कोई नियम बनाए और ना ही इसकी चिंता की कि इस मानव समूहों को भी रोशनी मिलनी चाहिए. मध्य प्रदेश सरकार आदिवासियों के हितों के नाम पर मजाक करने के रोज नए रिकॉर्ड कायम कर रही है.
क्या आदिवासियों को अंग्रेजी सीखनी पड़ेगी :प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सरकार द्वारा पेसा कानून के नियमों को लेकर जारी किए गये ताजा परिपत्र को निराशाजनक और मजाकिया बताया है. गुप्ता ने कहा कि जिन आदिवासी क्षेत्रों में लगातार स्कूल बंद किए जा रहे हैं, जिनकी पढ़ाई लिखाई में लगातार पीछे धकेल दिया गया है, उन गरीब आदिवासियों लिए सरकार ने यह सर्कुलर अंग्रेजी में निकाला है. क्या अंग्रेजी में निकाले गए इन 36 पेजों को आदिवासी पढ़ सकता है. गुप्ता ने कहा कि अभी हिंदी दिवस का उत्सव मनाया और उसके तमाशे पर लाखों रुपया उड़ाए. हफ्ते भर के अंदर ही सरकार ने आदिवासी समाज के लिए अंग्रेजी में सर्कुलर निकालकर मजाक किया है.