भोपाल।जिंदगी में कई चीजें ऐसी होती हैं जो इत्तेफाक से हो जाती हैं और यदि कहीं फिट बैठ गई तो उसके चर्चे आम हो जाते हैं. कहीं अगर इसमें राजनीति आ जाए तो फिर क्या कहना. एमपी की राजनीति में भी इन दिनों दो सेल्फियों के चर्चे जमकर हो रहे हैं और कहा जा रहा है कि इन नेताओं ने जिसके साथ सेल्फी ली उसका सफाया हो गया.हालांकि ये बात कितनी सच है कितनी नहीं इसके लोग अपने अपने हिसाब से मायने निकाल रहे हैं.
किसकी सेल्फियों के हैं चर्चे: तो अब तय मानिए कि नेता सेल्फी से खौफ खाने लगेंगे. सेल्फी को लेकर भी अब मान्यता मजबूत होती जा रही है कि जिस नेता के साथ सेल्फी ली जाए उसका सफाया होता है.जो सेल्फी लेता है वो आगे बढ़ जाता है.खासकर अगर नेता यादव हो तो.एमपी की राजनीति में ऐसी दो सेल्फियों के चर्चे हैं. पहली सेल्फी केपी यादव और सिंधिया की है और दूसरी एमपी के नवोदित सीएम मोहन यादव की. एमपी की सियासत में यादवों की सेल्फी के चर्चे हो रहे हैं.
केपी यादव की सेल्फी:तस्वीरें जो कहानी कहती हैं उसे सही मानें तो सेल्फी लेने से सियासत संकट में आ जाती है. उसकी नहीं जिसने सेल्फी ली है. बल्कि उसकी जिसके साथ सेल्फी ली गई है. इसका पहला उदाहरण तब देखने में आया था जब बीते लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना सीट से चुनाव हार गए थे. उसके बाद उन्हें चुनाव में हराने वाले के पी यादव की सेल्फी वायरल हुई थी. इस सेल्फी में के पी यादव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सेल्फी लेते दिखाई दे रहे थे. कहा गया था कि केपी यादव ने जिसके साथ सेल्फी ली उन्हें ही चुनाव में मात दे दी. लंबे समय तक ये सेल्फी वायरल होती रही थी.