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भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल में अव्यवस्था,मानवाधिकार आयोग ने जताई नाराजगी,मांगा जवाब - भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अव्यवस्था

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं को लेकर मानवाधिकार आयोग ने नाराजगी जताई है. वहीं हमीदिया अस्पताल में मशीनों का मेंटेनेंस नहीं होने पर आयोग ने एक महीने के अंदर जवाब देने के निर्देश दिए हैं.

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मीदिया अस्पताल में अव्यवस्था

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 22, 2023, 11:03 PM IST

भोपाल।राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं को लेकर मानवाधिकार आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. वहीं हमीदिया अस्पताल में मशीनों का मेंटेनेंस ना होने और बर्न विभाग में साल भर की स्टाफ की कमी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. इस मामले में आयोग चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक से इस मामले में एक महीने के अंदर जवाब मांगा है.

मरीजों की बढ़ी परेशानी: हमीदिया अस्पताल में लगी मशीनें और उपकरणों का समय पर मेन्टेनेन्स नहीं होने से यहां मरीजों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. समीक्षा बैठक के दौरान गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डाॅ. सलिल भार्गव ने मशीनों व उपकरणों को जल्द से जल्द सुधारने के निर्देश दिये हैं. इस मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक से मामले की जांच कराकर एक महीने में जवाब मांगा है.

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ऑपरेशन थिएटर सालभर से बंद:हमीदिया अस्पताल में बर्न यूनिट को अपग्रेड कर नया ऑपरेशन थिएटर बनाया गया है लेकिन सालभर बाद भी इसका उपयोग नहीं हो रहा है. जानकारी के अनुसार स्टाफ की कमी होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है. बर्न विभाग की ओर से अस्पताल प्रबंधन को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं. इसके बावजूद यहां स्टाॅफ नहीं दिया जा रहा है. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने संचालक, चिकित्सा शिक्षा विभाग से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है.

आयोग के प्रयासों से हटे अवैध मिनी अहाते: मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के प्रयासों से अयोध्या उपनगर, जी सेक्टर, भोपाल में मिनी अहाते का अतिक्रमण हटाया गया है. आयोग के अनुसार अयोध्या उपनगर, जी सेक्टर भोपाल में 20 दुकानों के सामने मिनी अहाते शराब माफियाओं के द्वारा अतिक्रमण कर बनाये जाने की शिकायत आयोग को मिली थी.जिस पर संज्ञान लेकर आयोग ने प्रकरण दर्ज कर अपर आयुक्त नगर निगम भोपाल को भेजा था. अपर आयुक्त के प्रतिवेदन से मिली जानकारी के अनुसार वहां से अतिक्रमण हटा दिया गया है.

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