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जमीन विवाद में फंसे शिवराज के मंत्री, BJP के गले की हड्डी बने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत - एमपी मिशन 2023

साल 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव(mp assembly election 2023) को लेकर एक तरफ बीजेपी हर वो कोशिश कर रही है, जो उसे आने वाले सालों में फिर से सत्ता की कुर्सी पर बैठा सके.वहीं पार्टी के ही कुछ लोग बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं. जिसमें सबसे बड़ा नाम जमीन विवाद में फंसे परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का है. जो कहीं ना कहीं बीजेपी की गले की हड्डी बनते नजर आ रहे हैं.

Minister Govind Singh Rajput and CM Shivraj
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और सीएम शिवराज

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Published : Jan 8, 2023, 4:30 PM IST

भोपाल। चुनावी साल में जिस तरह से सिंधिया खेमे के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की सियासी जमीन खोदते हुए जमीन से जुड़े घोटाले उजागर हो रहे हैं. इससे ऐसा लग रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी कहे जाने वाले गोविंद सिंह राजपूत वाकई बीजेपी के गले की हड्डी साबित हो रहे हैं. बीजेपी का मुद्दे पर ना वैसा एक्शन है और ना रिएक्शन है, जो बीजेपी के अनुशासन की नजीर बन सके. क्या वजह है कि चुनावी साल में भी पार्टी के दामन पर लग रहे ये दाग बीजेपी की निगाह में फिलहाल अच्छे बने हुए हैं.

मंत्री जी के जमीन घोटाले में इतना सन्नाटा क्यों है: राजस्व विभाग की जवाबदारी संभाले शिवराज सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत(Transport Minister Govind Singh Rajput) इन दिनों एक के बाद एक जमीन घोटाले को लेकर चर्चा में आ रहे हैं. पहले ससुराल से 50 एकड़ जमीन दान में लेने का विवाद गरमाया. अब एक किसान की जमीन पर कब्जा कर उस पर स्कूल बना देने का आरोप लगा है(minister govind singh stuck in land dispute). इस मामले में हैरत में डालने वाले कई सारे खुलासे हो चुके हैं. जमीन मालिक का 6 साल से कोई अता पता नहीं है. जमीन मालिक मान सिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने परिवहन मंत्री से जान का खतरा बताते हुए अपने पिता की गुमशुदगी को लेकर याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई है. जाहिर है चुनावी साल में ये मामले सामने आने के बाद कांग्रेस सिंधिया खेमे से मिले पुराने जख्मों का भी हिसाब कर रही है, बाकी बीजेपी के खिलाफ तो ये मजबूत हथियार है ही. गोविंद सिंह राजपूत का सिर पकड़े अब कांग्रेस शिवराज सरकार के एक दर्जन से ज्यादा मंत्रियों का कच्चा चिट्ठा जनता के सामने पेश करने की तैयारी में है, लेकिन हैरत की बात ये है कि जहां कहते हैं कि पानी सिर से ऊपर होने का इंतजार नहीं किया जाता. वहां पार्टी में संगठन से लेकर सरकार तक हर तरफ इस मामले पर चुप्पी पसरी हुई है.

परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत

BJP से निष्कासित नेता को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से जान का खतरा, जमीन की हेराफेरी का किया खुलासा

क्यों गले की हड्डी बन गए हैं मंत्री जी: इसमें दो राय नहीं कि गोविंद सिंह राजपूत की गिनती सिंधिया खेमे के साथ बीजेपी के हवाले हुए मंत्रियों में सिंधिया के सबसे करीबियों में होती है. यही वजह है कि सरकार में सबसे महत्वपूर्ण कहे जाने वाले राजस्व विभाग की जवाबदारी उन्हें सौपी गई थी. क्या गोविंद सिंह राजपूत के मामले में किसी भी तरह के एक्शन रिएक्शन को लेकर पार्टी की ओर से चुप्पी की वजह भी यही है. सिंधिया के बूते जो सरकार बनी हो चुनावी साल में वहां से एक कड़ी को हिला पाना क्या इतना बड़ा जोखिम है. क्या एक मंत्री पर एक्शन का असर बहुत आगे तक जा सकता है. यही वजह है कि पानी सिर से ऊपर निकल जाने के बाद भी पार्टी में इस मुद्दे पर कोई हलचल दिखाई नहीं देती.

कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग: कांग्रेस ने इस मुद्दे के साथ बीजेपी पर हमले तेज कर दिए हैं. कांग्रेस गोविंद सिंह राजपूत पर जमीन पर कब्जे के मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही है(Congress demands CBI inquiry). पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि ये मामला गंभीर है. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जमीन मामले में लापता हुए मान सिंह पटेल की सीबीआई जांच करवाई जानी चाहिए.

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दो साल से गैरकानूनी ढंग से संपत्ति बनाई राजपूत ने: गोविंद सिंह राजपूत के मुद्दे पर कांग्रेस शिवराज सरकार को घेर चुकी है. प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा के नेतृत्व में आयकर ऑफिस में शिकायत की है. आयकर विभाग के दफ्तर पहुंचकर मप्र शासन के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एवं उनके परिवार के सदस्यों पर बेनामी संपत्ति की शिकायत कर जांच किये जाने और संपत्ति जब्त किये जाने की मांग की. मीडिया सेल के अध्यक्ष मिश्रा ने शिकायत करते हुए कहा कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत 2020 से अब तक मध्य प्रदेश शासन के मंत्री हैं. वर्ष 2020 से 2022 तक राजपूत ने गैरकानूनी तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की है, जिसके जरिए उन्होंने मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कई बेनामीदारों के नाम से अचल संपत्ति खरीदी है.

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