भोपाल (PTI)। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती प्रदेश में नियंत्रित शराब नीति की मांग जोरदार ढंग से कर रही हैं. इसके लिए उन्होंने आंदोलन तक की चेतावनी दे डाली है. इसके अलावा कई बार प्रदर्शन भी कर चुकी हैं. दूसरी ओर इस हल्ले के बीच एमपी सरकार ने शराब नीति के लिए नया ढांचा बनाने की तैयारी कर ली है. इसके लिए उसने वरिष्ठ मंत्रियों की एक कैबिनेट समिति का गठन किया है. इस समिति की सिफारिशों के आधार पर नई शराब नीति का ढांचा तैयार किया जाएगा.
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समिति में नरोत्तम मिश्रा सहित 5 मंत्री शामिलः सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा नई शराब नीति की घोषणा विगत 31 जनवरी को की जानी थी. वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती की मांगों के मद्देनजर इसमें थोड़ी देर हो गई है. उमा भारती ने मांग की है कि शराब की दुकानों के आस-पास वहां पीने का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. इसके अलावा स्कूलों एवं अन्य प्रतिष्ठानों से करीब एक किमी. के दायरे में कोई भी शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आबकारी नीति की सिफारिशें करने वाली समिति में गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, वित्त एवं आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा, शहरी विकास भूपेंद्र सिंह और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी सदस्य हैं. इसके अलावा वाणिज्य कर विभाग के प्रधान सचिव इस समिति के सचिव होंगे. उमा भारती शराब की खपत के खिलाफ अभियान चलाती रही हैं. उन्होंने शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार से उदार उत्पाद शुल्क शासन के माध्यम से लोगों की शराब पीने की आदत को भुनाने से मना किया है.
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मधुशाला में गौशाला की शुरुआत की थीः उमा भारती पिछले महीने चार दिनों तक भोपाल के एक मंदिर में रुकी थीं और उस समय पत्रकारों से कहा था कि वह अपने सुझावों को शामिल करते हुए नई आबकारी नीति का इंतजार कर रही हैं, जैसा कि मुख्यमंत्री ने उनसे वादा किया था. इसके बाद उन्होंने 31 जनवरी को अपना मंदिर प्रवास समाप्त कर दिया था, क्योंकि शराब नीति की घोषणा नहीं की गई थी. इसके बाद उन्होंने 'मधुशाला में गौशाला' (शराब की दुकान में गौशाला) कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की थी. इस अभियान के तहत उन्होंने निहारी जिले के ओरछा कस्बे में एक शराब की दुकान के सामने दो गायों को बांध दिया था, जो अपने मंदिरों और महलों के लिए प्रसिद्ध है. इसके बाद उन्होंने लोगों से दूध पीने और शराब नहीं पीने का आग्रह किया. उन्होंने पहले भी शराब की बिक्री के विरोध में इस दुकान पर गोबर फेका था. पहले पूर्ण शराबबंदी की मांग के साथ अपना अभियान शुरू करने वाली उमा भारती अब राज्य में बिक्री को नियमित करने की मांग कर रही हैं. मालूम हो कि एमपी में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. (This is an agency copy and not edited by Etv Bharat)