भोपाल।प्रदेश के जिला अस्पतालों में जीरियाटिक सेंटर अब तक नहीं खुलने से बुजुर्गों को इलाज के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश के सात जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जीरियाटिक सेंटर खोलने का प्लान तैयार किया गया था. जिस पर अभी तक कोई अमल शुरू नहीं किया गया. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है. MPHRC notice to responsible
मेडिसिन सेंटर में सीवेज का पानी :इधर, राजधानी में सीवेज की समस्या से डॉक्टर परेशान हैं. जहांगीराबाद स्थित रसूल अहमद पल्मोनरी मेडिसिन सेंटर में सीवेज की समस्या से डॉक्टरों को भारी परेशाानी का सामना करना पड़ रहा है. सीवेज ओवरफ्लो होने के कारण गटर का पानी का रिसाव डॉक्टरों के कक्ष में हो रहा है. डॉक्टर्स का कहना है कि भयानक दुर्गंध से हम सभी स्टाफ को परेशान होना पड़ रहा है. अधीक्षक, मेडीसिन सेंटर का कहना है कि समस्या का स्थाई समाधान किया जा रहा है. इसके लिये शासन से बजट मांगा है. इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है. MPHRC notice to responsible
सीहोर में प्रसूता की मौत :सीहोर जिले के जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में फिर एक प्रसूता की मौत का मामला सामने आया है. ग्राम कोलूखेड़ी इछावर निवासी 22 वर्षीय लक्ष्मी बारेला को डिलीवरी के लिये जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही से उनकी बेटी की मौत हो गई. जबकि अस्पताल प्रबंधन मौत की वजह हार्ट अटैक बता रहा है. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार ने सीएमएचओ, सीहोर से मामले की जांच कराकर प्रसूता से संबंधित जिला अस्पताल के अभिलेख की प्रतियों के साथ ही शव परीक्षण रिपोर्ट आदि अन्य सुसंगत दस्तावेजों सहित की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है. MPHRC notice to responsible