भोपाल। मध्यप्रदेश में घटित हो रही घटनाओं को लेकर मानव अधिकार आयोग का रुख सख्त बना हुआ है. आयोग ने राजधानी की चार घटनाओं के साथ रायसेन नर्मदापुरम और अशोकनगर में घटित हुई घटनाओं पर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया है. मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने विभिन्न मामलों में प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के सात मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है.
भोपाल में अतिथि शिक्षक ने फांसी लगाई:भोपाल जिले के बैरसिया स्थित गुनगां थाना इलाके के अन्तर्गत हर्राखेड़ा में शासकीय स्कूल के एक अतिथि शिक्षक ने बीते शनिवार को आत्महत्या कर ली थी. पुलिस को मौके पर सुसाइड नोट प्राप्त हुआ. जिसमें स्कूल प्रिंसिपल एवं दो शिक्षकों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ना करने का हवाला था. घटना के पांच दिनों बाद भी पुलिस ने अब तक मामला दर्ज नहीं किया है. स्कूल के स्टाॅफ से प्रिसिंपल द्वारा महिला शिक्षिकाओं एवं भृत्य से गलत आचरण व्यवहार व अतिथि शिक्षक को आत्महत्या के लिए प्रताड़ित करने की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कर पावती ली है. तत्काल पुलिस प्रकरण दर्ज करने के साथ निष्पक्ष विभागीय कार्रवाई की मांग भी की है. मामले में संज्ञान लेकर एमपी मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक देहात, भोपाल से जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
बैरसिया में लापता बुजुर्ग का शव पेड़ पर लटका मिला: भोपाल जिले के बैरसिया थानाक्षेत्र स्थित ग्राम नीची ललोई के जंगल में बीते बुधवार को 75 वर्षीय लापता बुजुर्ग का शव पेड़ पर लटका मिला. वह पांच दिनों से लापता था. पुलिस के मुताबिक ग्राम नीची ललोई निवासी शिम्मूलाल जाटव (75) विगत 14 अक्टूबर से घर से गायब थे. परिजनों ने बैरसिया थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. मामले में संज्ञान लेकर एमपी मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक देहात भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई के सम्बन्ध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
भोपाल के संत नगर में पार्क में टूटे झुलों से बच्चे हो रहे घायल:भोपाल शहर के संत हिरदाराम नगर स्थित बोरवन पार्क में बच्चों के लिये लगे झुले टूटे पड़े है. झूलों से निकल रहे लोहे के खतरनाक एंगल से बच्चे घायल हो सकते हैं और टूटे झूले बच्चों के लिये खतरनाक साबित हो रहे हैं. पार्क की देखरेख स्थानीय संस्थाओं के हाथ में है. वर्तमान में संस्था के पदाधिकारी भी इनकी अनदेखी कर रहे हैं. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, नगर निगम भोपाल से जांच कराकर टूटे झूलों की मरम्मत करने सुरक्षित उपयोग के लिए बनाये जाने अथवा टूटी स्थिति में उससे सम्भावित दुर्घटना को निवारित होने के लिये सुरक्षात्मक उपाय कराकर 15 दिन में प्रतिवेदन मांगा है.