भोपाल। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Health minister of MP) ने बताया है कि एमपी में डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta plus Variant) से ग्रसित उस एक मरीज की मौत हो गई है, जिसने वैक्सीन नहीं लगवाई थी, जबकि जिन चार मरीजों को टीका लगा था, वो सभी स्वस्थ हैं. अभी तक एमपी में डेल्टा प्लस वैरिएंट के पांच कोरोना मरीज मिले हैं, जिनमें से चार को वैक्सीन (corona vaccination ) लगा था. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है.
'कोरोना डेल्टा वेरिएंट वर्तमान में भारत में सबसे अधिक फैलने वाला वायरस'
मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट से पहली मौत
मध्यप्रदेश से ही डेल्टा प्लस वैरिएंट से पहली मौत का मामला भी सामने आया है, प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 7 मरीज हैं, जिनमें दो साल की मासूम भी शामिल है. राजधानी भोपाल में पांच और उज्जैन के दो मरीजों में डेल्टा प्लस वैरिएंट का संक्रमण मिला है. स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इनमें से 4 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं, जबकि इसके पहले मंत्री ने पांच मरीजों की पुष्टि की थी, जोकि अब बढ़कर सात हो गई है.
विशेषज्ञ दे चुके हैं तीसरी लहर की चेतावनी
डेल्टा प्लस वैरिएंट की वजह से ही कोरोना की दूसरी लहर आयी थी, विशेषज्ञ तीसरी लहर की चेतावनी दे चुके हैं. डेढ़ से दो महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. इस बीच कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट की दस्तक ने चिंता बढ़ा दी है. सरकारों की टेंशन बढ़ने लगी है. स्वास्थ्य विभाग डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की ट्रवेल हिस्ट्री खंगाल रहा है.
डेल्टा के साथ ही डेल्टा प्लस वैरिएंट की दहशत
3 से 4 हफ्ते में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है. इस दौरान वायरस के रूप बदलते वेरिएंट चिंता पैदा कर रहे हैं. वायरस के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के बाद अब इसके नए वेरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ (Delta Plus Variant) या ‘AY.1 Variant’ ने चिंता बढ़ा दी है. केंद्र सरकार ने भी माना है कि कोरोना का नया वेरिएंट पिछले डेल्टा वेरिएंट से काफी करीब है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि AY.1 कोरोना वायरस का एक वेरिएंट मौजूद है जो कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट का विकसित रूप है.
क्या है डेल्टा प्लस (Delta +) वेरिएंट
कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ पुराने डेल्टा वेरिएंट का विकसित रूप है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट ही विकसित होकर डेल्टा प्लस बन गया है. केंद्र सरकार जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में नए वेरिएंट के संक्रमण को लेकर अभी रिसर्च की जा रही है. हमें लगातार सावधानी बरतनी होगी ताकि इसे फैलने से रोका जा सके.
कैसे बना डेल्टा प्लस वेरिएंट
डेल्टा वेरिएंट यानी बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है. इस म्यूटेशन को K417N कहा जा रहा है. कोरोना वायरस के पुराने वाले वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में थोड़े बदलाव हुए हैं. इससे यह नया वेरिएंट सामने आया है. स्पाइक प्रोटीन की ही मदद से वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमें संक्रमित करता है. यह वायरस का भी हिस्सा होता है. K417N म्यूटेशन के कारण वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को भेदने में कामयाब हो पाता है. वायरस के नए वेरिएंट से बचने के लिए हमें लगातार वही सावधानियां बरतनी होंगी, जो अभी तक बरतते हुए आ रहे हैं. सेनेटाइजर, मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहना होगा.
4 गुना ज्यादा घातक है कोरोना का डेल्टा वेरियंट, एमपी में 7 मरीज, 2 साल की बच्ची में भी मिला संक्रमण
वैक्सीनेशन से होगा बचाव
डेल्टा वेरिएंट देश में अब सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस स्ट्रेन बन गया है. बीते दिनों इंग्लैंड में इसके 11 हजार से ज्यादा मामले मिले थे. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दी जा रही वैक्सीन की एक खुराक किसी को भी डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने और संक्रमित मरीज का अस्पताल में इलाज कराने की संभावना को काफी हद तक लगभग 75 फीसदी तक घटा देता है. वहीं वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के संक्रमित होने और हॉस्पिटल में भर्ती होने की संभावना को 90 फीसदी तक कम कर देता है.