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MP Heavy Rain: मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के पानी से हजारों परिवार बेघर, 4 जिलों के 150 से ज्यादा गांवों में नुकसान

Water Level of Dams on Narmada River Increased: मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बारिश और उसके बाद नर्मदा नदी पर बने बांधों का जलस्तर बढ़ने से चार जिलों के डेढ़ सौ से ज्यादा गांवों में बड़ा नुकसान हुआ है.

MP Heavy Rain
मध्य प्रदेश में भारी बारिश

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 10:29 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने राज्य के चार जिलों को विशेष रूप से प्रभावित किया है. बारिश के चलते धार, बड़वानी, खरगोन व अलिराजपुर के कई गांव पर असर पड़ा हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन का आरोप है कि प्रशासन के जल स्तर के गलत निर्धारण की वजह से हजारों परिवारों की जिंदगी को मुश्किल भरा बना दिया है. बीते दिनों की बारिश से बांधों का जलस्तर बढ़ा तो वहीं बैक वाटर भी गांवों तक पहुंच गया. इससे चार जिलों के 150 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं.

बैक वाटर की चपेट में कई गांव:एक तरफ जहां मकान डूब में आ गए तो फसलों को भी बड़ा नुकसान हुआ. ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने से ओंकारेश्वर सहित कई गांवों को नुकसान हुआ, नर्मदा नदी के किनारे बसे मकानों के अलावा दुकानों को भी पानी ने अपनी चपेट में लिया था. वहीं, सरदार सरोवर परियोजना के बैक वाटर ने कई गांव को अपनी चपेट में लिया, मकान, फसल और मवेशी से लेकर कारोबार तक पर इसका असर हुआ.

सरदार सरोवर परियोजना में डूब से बाहर के गांव भी डूब में शामिल:नर्मदा बचाओ आंदोलन का आरोप है कि सरदार सरोवर परियोजना के जलाशय में 16 सितंबर को नर्मदा नदी के ऊपरी क्षेत्र में बारिश के चलते और सरदार सरोवर गेट बंद होने से जो 138.68 मीटर लेवल के ऊपर 142 मीटर तक पानी आया उस कारण से जिन गांवों को सरदार सरोवर की डूब से बाहर करके रखा था, वे डूब में आ गए. किसान, मजदूर, मछुआरे, आदिवासी विनाशकारी डूब से बर्बाद हो गए. नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर ने बताया कि सीड्ल्यूसी के अलावा एनसीए ने कमेटी बनाकर बिना सर्वे कर कागजों पर बैक वाटर लेवल कम किया. इसके चलते गांव और खेती डूब के आगोश में आई है.

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प्रशासनिक लापरवाही से नर्मदा नदी के किनारे बसे गांव प्रभावित:बताया गया है कि धार जिले ग्राम एक्कलबारा में प्रभावितों का बहुत ज्यादा नुकसान हुआ. यहां भी वे सभी ग्रामवासी, जिन्हें डूब क्षेत्र से बाहर कर दिया गया था, उनके मकान डूब की चपेट में आ गए. यह डूब इतनी जल्दी आई कि लोग खुद अपनी जान बचाने के अलावा कुछ भी अपने घरों से नही बचा पाए. नर्मदा बचाओ आंदेालन के मुकेश भगोरिया का कहना है कि "प्रशासनिक लापरवाही के चलते नर्मदा नदी के किनारे बसे चार जिले के डेढ़ सौ से ज्यादा गांव को नुकसान हुआ है. यह सिर्फ इसलिए हुआ है क्योंकि प्रशासन ने जिन गांव को डूब में नहीं माना उन गांव में पानी पहुंचा है."

(IANS)

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