भोपाल।मध्य प्रदेश सरकार बजट के पहले 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. यह कर्ज सरकार 10 फरवरी को खुले बाजार से लिया जाएगा. पिछले एक माह में राज्य सरकार बाजार से 4000 करोड़ का कर्जा ले चुकी है. वही इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश सरकार अब तक कुल 24000 करोड रुपए का कर्ज लिया है.
16 साल के लिए होगा कर्ज
राज्य सरकार 10 फरवरी को 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जरिए ई-कुबेर सिस्टम की मदद से 9 फरवरी को वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे. इस कार्य के लिए राज्य सरकार 20 जनवरी को जारी राज विकास ऋण सुरक्षा गारंटी का ही उपयोग करेगी, इसमें 6.61% की गारंटी दी जा सकेगी. यह कर्ज सरकार 16 साल के लिए ले रही है.
सरकार एक वित्तीय वर्ष में 24000 करोड़ रुपय का कर्ज अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं से कर्ज ले चुकी है
पिछले एक माह में 4000 करोड़ का कर्ज
- 2 फरवरी को 2000 करोड रुपए का 16 साल के लिए बाजार से कर्ज
- 25 जनवरी को 1000 करोड़ रुपए का लोन 16 साल के लिए
- 19 जनवरी को ओपन मार्केट से 1000 करोड़ का कर्ज
दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ कर्ज
मध्य प्रदेश का कर्ज 2 लाख 1 हज़ार 989 करोड़ हो चुका है. इसमें से 1 लाख 15 हजार 532 करोड़ रुपए का कर्जा सरकार ने बाजार से लिया है. इसी तरह पावर बांड सहित अन्य बॉन्डों के जरिए 7360 करोड रुपए का कर्जा लिया गया है. वित्तीय संस्थाओं से 10766 करोड रुपए और केंद्र सरकार से लोन और एडवांस के रूप में 20938 करोड रुपए, स्मॉल सेविंग फंड और विशेष निधि से 26481 करोड रुपए का कर्ज मध्य प्रदेश सरकार पर लोन बकाया है. सरकार पर 20909 करोड रुपए की अन्य देनदारी भी बाकी है.