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एमपी सरकार ग्लोबल टेंडर से ही मंगवाएगी वैक्सीन, कई राज्यों में फेल हो चुकी है यह व्यवस्था

मध्य प्रदेश सरकार के गृहमंत्री ने घोषणा की है कि प्रदेश सरकार अब राज्य में ग्लोबल टेंडर से वैक्सीन मंगवाएगी, इसके लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था कर ली है. गृहमंत्री ने कहा है कि 2022 तक 5 करोड़ वैक्सीन खरिदेगी. लेकिन राजस्थान और पंजाब में यह व्यवस्था फेल हो गई है. फिर भी सरकार इस व्यवस्था से ही वैक्सीन खरिदने की तैयारी में है.

Shivraj government
शिवराज सरकार

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Published : May 26, 2021, 8:26 PM IST

Updated : May 26, 2021, 9:39 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश में 18 प्लस को टीका लगाए जाने के ऐलान के बाद टिके कि कमी शिवराज सरकार की गले की हड्डी बन गई है. वैक्सीन की कमी को लेकर अब ना सिर्फ विपक्ष, बल्कि वैक्सीन लगवाने वाले लोग भी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. कैबिनेट ने फैसला लिया है कि टीके की कमी को पूरा करने के लिए जैसे 8 राज्य ने ग्लोबल टेंडर बुलाए हैं, वैसे ही मध्य प्रदेश भी ग्लोबल टेंडर बुलवाएगा. प्रदेश में सितंबर तक लगभग तीन करोड़ जनता को वैक्सीन की पहली डोज़ लगाने का लक्ष्य रखा है. जबकि राजस्थान और पंजाब में यह व्यवस्था फेल हो गई है.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा
  • 5.21 करोड़ वैक्सीन खरीदेगा मध्य प्रदेश

सरकार ने लक्ष्य रखा है कि मार्च 2022 तक 18 प्लस वालों को करीब 3 करोड़ 48 लाख वैक्सीनेशन लगा दी जाएगी. तकरीबन सवा 5 करोड वैक्सीन में से कोविशील्ड 4 करोड़ 72 लाख और कोवैक्सीन 49 लाख 23 हज़ार डोज खरिदने का टारगेट रखा गया है. सरकार का मानना है कि उसने 18 प्लस के लोगों के लिए 3.50 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा हुआ है और यह 2022 तक मार्च तक पूरा कर लेंगे.

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  • प्रदेश के पास न कोविशील्ड और न कोवैक्सीन

सरकार की मुसीबत वर्तमान में ना तो सरकार के पास कोवैक्सीन है और ना ही कोविशील्ड है. फिलहाल राज्य के पास आज की स्थिति में 10 लाख 80 हजार वैक्सीन का स्टॉक है, जिनमें से 9 लाख 75 हजार कोविशील्ड और 1 लाख 15 हजार कोवैक्सीन है. सरकार के अधिकारियों का कहना है कि एक-दो दिन में 2 लाख डोज वैक्सीन की मिल जाएगी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1 करोड़ 78 हजार 880 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है.

  • राजस्थान और पंजाब में फैल हुई व्यवस्था

विदेशों से वैक्सीन आयात करने के लिए राजस्थान सरकार ने निकाला ग्लोबल टेंडर फेल हो गया है. अब तक किसी भी कंपनी से वैक्सीन सप्लाई की डील फाइनल नहीं हुई है. राज्य सरकार का कहना है कि टेंडर के लिए कंपनियों की जगह उनके डिस्ट्रीब्यूटर्स सामने आ रहे हैं, जो 300 रुपए की वैक्सीन के लिए 1100 रुपए मांग रहे हैं. इसी तरह पंजाब में भी ग्लोबल टेंडर की व्यवस्था फेल हो गई है. पंजाब में कंपनी ने वैक्सीन देने से मना कर दिया है.

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  • वैक्सीन में तापमान की आ सकती है समस्या

मप्र सरकार ग्लोबल टेंडर के लिए यूपी का पैटर्न अपनाएगी, सरकार को यह भी देखना है कि जो विदेशी कंपनियां हैं उनमें यह शर्त भी रखी जाएगी कि वही वैक्सीन मध्य प्रदेश इंपोर्ट करेगा जो, कि 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर हो सके. जबकि कई वैक्सीन -20 से -80 डिग्री टेंपरेचर पर रखी जाती हैं, जो मध्य प्रदेश के लिए काफी मुश्किल है.

  • कांग्रेस ने उठाए सवाल

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ग्लोबल टेंडर की बात पर सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि 9 राज्यों के वैक्सीन खरीद के ग्लोबल टेंडर में रिजल्ट 0 है. मध्य प्रदेश कैबिनेट असफल प्रक्रिया की औपचारिकता क्यों कर रहा है, क्या डॉक्टर जयशंकर की अमेरिका यात्रा से कोई मदद मिलेगी, ये सम्भव नहीं दिख रहा.

  • वैक्सीन के दो डोज के बिच बढ़ रहा अंतर

मध्य प्रदेश में हालात ये हैं कि लोगों को वैक्सीन का डोज लेने के लिए घर से 20 से 50 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. ऐसे में लोग नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि सरकार के पास वैक्सीन का टोटा नहीं है. इसी के चलते कोविन ऐप भी कुछ मिनटों के लिए ही खुल रही है. दूसरा लोगों के मन में सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि पहले डोज के बाद दूसरे डोज को 28 दिन के बाद लगवा सकते थे, लेकिन अब उसी को बढ़ाकर 3 से 4 महीने कर दिया गया. जिससे कि लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए हैं, कि सरकार के पास वैक्सीन नहीं है इसी वजह से वह इस तरह के नियम या आदेश निकाल रही है.

Last Updated : May 26, 2021, 9:39 PM IST

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