भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार राइट टू वाटर कानून के तहत प्रदेश की जनता को पर्याप्त पानी देने के लिए काम कर रही है. इसको लेकर कमलनाथ सरकार ने जल विशेषज्ञों को बुलाकर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था और सरकार चाहती है कि प्रदेश में हर व्यक्ति को उसकी जरूरत के हिसाब से पानी मिले.
जल प्रबंधन को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय जल सम्मेलन आयोजित कर राइट टू वाटर कानून तहत देशभर के जल विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं, साथ ही इसको लेकर सरकार जल स्रोतों के संरक्षण के लिए भी सुझाव मांग रही है. पीएचई(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) के मुख्य अभियंता एके जैन के अनुसार प्रदेश में पानी की कमी नहीं है बल्कि प्रबंधन की कमी के चलते पानी का सदुपयोग नहीं हो पाता है.